नागदा - वैक्सीन के अभाव में जान जाना मृत्यु नहीं हत्या - स्वामी टीकाकरण कार्यक्रम में बदलाव जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी के बचाव हेतु केंद्र सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा देशभर में चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम के दिशानिर्देशों में बार-बार बदलाव के कारण टीकाकरण कार्यक्रम मजाक बनकर रह गया है। केंद्र सरकार व स्वास्थ्य विभाग जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जब टीकाकरण कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था तो यह बताया गया था कि जिन लोगों को प्रथम टीका जिस दिन लगेगा उसके 28 दिन पश्चात दूसरा टीका लगेगा उसके बाद फिर इस निर्देश में बदलाव करते हुए 42 से 56 दिन की समय सीमा बढ़ाई गई और आज फिर नए दिशा निर्देशों के तहत समय सीमा को बढ़ाते हुए 84-122 दिन कर दिया गया। जो कि जनता के साथ मजाक है।

दुसरे टीके की समयावधि में अभी तक कर दिया तीन बार बदलाव
उक्त आरोप लगाते हुए यह टीकाकरण केन्द्र पर पहुॅंचे जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने लगाते हुए कहा कि किसी भी वैक्सीन को बनाने मे डाक्टर वैज्ञानिकों द्वारा अथक परिश्रम कर और कई प्रयोग कर वैक्सीन बनाई जाती है, साथ ही वैक्सीन से संबंधित नियम दिशानिर्देशों को भी वैक्सीन के साथ ही डाक्टर वैज्ञानिकों द्वारा आमजन को बता दिया जाता हैं। कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण अभियान को लेकर बनाई गई वैक्सीन की समय सीमा में बार-बार परिवर्तन कई शंका-कुशंका का को जन्म दे रहा है वही बार-बार समय सीमा परिवर्तन के कारण केंद्र सरकार के प्रति आमजन आक्रोशित भी हो रहा है।

पंजीयन के बाद भी आखिर टीका क्यों नहीं लगाया जा रहा ?
स्वामी ने कहा कि अभी तक 45 वर्ष किए ऊपर आयु सीमा वाले लोगों को दोनों दोस्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं लगाए गए और 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु का टीकाकरण कार्यक्रम जारी कर दिया गया जिसके कारण पहले से टीको की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग के सामने और समस्या खड़ी हो गई। अब पूरे देश भर में हालात यह है कि 20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवा दिया है लेकिन शासन उनको टीके ही उपलब्ध नहीं करवा पा रहा।

देश के नागरिकों की 6 करोड वैक्सिन विदेश क्यों भेजी ?
स्वामी ने कहा कि वहीं टीकाकरण अभियान के शुरुआती समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं द्वारा साडे छ करोड़ वैक्सीन अन्य देशों में भेज कर अपनी पीठ थपथपाई जिसके कारण हमारे देश के नागरिकों को ही टीके समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहे। जिसका गंभीर खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है वैक्सीनेशन के अभाव में लोगों की जान जा रही है यह मृत्यु नहीं हत्या है ?
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