ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना प्रभाव को रोकने हेतु किए जा रहे प्रयास
अधिकारियों ने ग्राम नायन, कलालखेडी, बेडावन उन्हेल सहित अन्य गांवों का दौरा किया। इस संबंध में एसडीएम श्री गोस्वामी ने बताया कि नागदा अनुभाग के ग्रामीण अंचल का कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि गांवों की फिल्ड सर्वे की टीम जीआरएस, टीचर एवं पटवारियों से चर्चा कर किस प्रकार से कोरोना के मामलों को कम किया जा सकता है एवं प्रभावी रूप से कोरोना कफ्ॅर्यू का पालन किए जाने हेतु निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणजनों से चर्चा कर गांव की स्थिति का भी जायजा लिया जा रहा है जिससे की समय पर किसी भी स्थिति से निपटने हेतु रणनीति बनाकर कार्य किया जा सके।
सीएसपी श्री रत्नाकर ने बताया कि एसडीएम श्री गोस्वामी एवं अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के दौरे के दौरान सर्वे टीम से जानकारी प्राप्त कर सरपंच, सचिव आदि से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि ग्रामों में शासन के निर्णयों का पालन सभी ग्रामीणजनों द्वारा किया जा रहा है बच्चे भी मास्क आदि लगाऐ हुए है। खेती-बाडी के कार्यो में लगे लोगों के प्रति भी उन्होंने सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीणजन पूर्ण रूप से बिमारी के प्रति सजग है तथा हम भी लगातार निरीक्षण कर ग्रामीणों को समझाईश दे रहे है। निरीक्षण के दौरान बिरलाग्राम प्रभारी हेमन्तसिंह जादौन, तहसीलदार आशीष खरे, आर्रआ श्री मित्तल आदि अधिकारी भी मौजुद थे।
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कई गांवों में भयावह स्थिति, क्या देरी से जागा प्रशासन ?
देखने में आ रहा है कि कई गांवों में कोरोना संक्रमण के गंभीर मामले सामने आऐ है। समीपस्थ गांव रजला में ही बीते कुछ दिनों में दो दर्जन के लगभग मौते हो चुकी है। ऐसे में यह देखने में भी आ रहा है कि प्रशासन शहरी क्षेत्रों में ही उलझा रहा और संक्रमण गांवों तक पहुॅंच गया। गांवों तक संक्रमण की लहर पहुॅंचने से शहरी कफ्र्यू की भी कहीं न कहीं पोल खुल रही है। क्योंकि यदि कफ्र्यू लागू है तो इतनी दुरी तक संक्रमण आखिर फैला कैसे ? वहीं इस बात की भी चर्चा है कि प्रशासन ने कहीं न कहीं ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने में चुक कर दी, यह सब कवायद कुछ दिनों पूर्व ही प्रारंभ करनी चाहिए थी।
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