नागदा - जिन मरीजों का कोरोना बीमारी का उपचार चल रहा था उन्हें भी अस्पतालों ने बताया निगेटिव, योजना का लाभ कैसे लेंगे परिजन - स्वामी



Nagda(mpnews24)।  दुसरी लहर में कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार वालों को एक लाख रूपये देने की शिवराज सरकार की गई घोषणा से बमुश्किल एक प्रतिशत लोगों को ही लाभ पहुंच सकेगा। चुंकि घोषणा के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह द्वारा यहां शर्त भी लागू कर दी गई है कि योजना में सिर्फ वे ही पात्र है जिन्हें सरकारी आंकडों में मृत माना गया है ऐसे में बडा सवाल यहां है कि जो मरीज चिकित्सालयों में कोरोना पाॅजिटिव होने पर भर्ती हुए थे उनकी मृत्यु के पश्चात अधिकांश मरीजों के परिजनों को एक दिन पश्चात मृतक की रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई है जबकि चिकित्सालय में उसका इलाज कोरोना पाॅजिटिव होने का चल रहा था।

नपा ने जारी किए 175 मृत्यु प्रमाण पत्र रिकार्ड में सिर्फ 12 ही
यह आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने बताया कि नगर में ही विगत एक माह में 175 मृत्यु प्रमाण पत्र नगर पालिका नागदा द्वारा जारी किए गए है जबकि सरकारी रिकाॅर्ड में मात्र 12 मृतक कोरोना पाॅजिटिव होना बताया जा रहा है। इन आंकडों से स्वास्थ्य विभाग व शासन की कार्यप्रणाली पर निश्चित शंका व संदेह उत्पन्न हो रहा है जबकि ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने है जिन संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट शासकीय चिकित्सालय द्वारा पाॅजिटिव बताई गई थी शासन, प्रशासन द्वार उनके घरों को कन्टेनमेंट करते हुए पोस्टर भी लगाया गया था और चिकित्सालय में इलाज के दौरान जब उनकी मृत्यु हुई उसके पश्चात उन्हें नेगेटिव बता दिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि शासन से प्राप्त दिशा, निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना महामारी के कारण मृत हुए संक्रमित मरीजों के आंकडों में बढे पैमाने में लिपा पौती कर कोरोना से मृत मरीजों के आंकडों को छिपाने का काम किया है। इसके पिछे शासन, प्रशासन का उद्देश्य स्पष्ट नजर आ रहा है कि शासन द्वारा कोरोना महामारी को लेकर लागू की जाने वाली योजनाओं का प्रचार, प्रसार तो खुब हो लेकिन उसका लाभ कम लोगों को ही मिल पाए।

आयुष्मान कार्ड का लाभ भी नहीं मिल पा रहा
विगत दिनों प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों को आयुष्मान कार्डधारकों के इलाज शासन के द्वारा बनाए गए नियमों के तहत निःशुल्क किए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए थे लेकिन कई निजी चिकित्सालय के प्रबंधकों द्वारा शासन का आदेश नही माना जा रहा है भोपाल के चिरायु अस्पताल में भी आयुष्मान कार्डधारकों को इलाज की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है ठीक इसी तरह एक लाख रूपये कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को देने की शासन की योजना का क्या हाल होगा?
श्री स्वामी ने बताया कि अभी तक कोरोना महामारी में जितने भी कार्य जनहित के शासन द्वारा किए जा रहे है वो फिर टीकाकरण अभियान को लेकर दिए गए बडे-बडे विज्ञापन लेकिन स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकों का नहीं होना, आयुष्मान योजना प्रदेश के सभी चिकित्सालयों पर लागू लेकिन निजी चिकित्सालयों द्वारा आदेश को नहीं मानना और अब यह एक लाख की योजना कोरोना से मृत हुए लोगों के परिजनों पर जले पर नमक छिडकने का काम करेगी।
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