क्या है मामला
विगत वर्षो में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सांसद एवं विधायक द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु पेयजल टेंकर प्रदान किए थे। उक्त पेयजल टेंकरों को लाखों रूपये के जनता के धन से निर्मित किया गया था जिससे क्षेत्र के ग्रामीणजनों की पेयजल आपूर्ति होती थी। लेकिन विगत कुछ वर्षो में टेंकरों में थोडा बहुत मरम्मत का कार्य होने पर ही कई ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिवों ने जनपद पंचायत खाचरौद के अधिकारियों से मिलीभगत कर कबाड में बेच डाला। बताया जाता है कि क्षेत्र की कई जनपद पंचायतों में ऐसा मामला हुआ है जिसमें टेंकरों को कबाड में बेच दिया गया। जबकि कबाड में पेयजल टेंकर खरीदने वालों ने इस थोडा बहुत खर्च कर पुनः रंगरोगन कर उंची कीमत में बेच दिया। ऐसे में ग्रामीणजनों से पेयजल परिवतन का साधन छिन गया तथा जनता के धन से निर्मित टेंकरों को कबाड में बेचने पर मिली हजारों-लाखों की राशि को संबंधित लोग डकार गए। टेंकर के प्लेटफार्म आदि को थोडा बहुत रिपेयकर कर मोटी राशि कमाई जा रही है।
कितने टेंकर मिले किसी का कोई हिसाब न किताब
जनप्रतिनिधि प्रतिवर्ष ग्रामीणजनों की मांग पर विभिन्न ग्रामों में पेयजल परिवहन हेतु टेंकर प्रदान करते है। वर्तमान में खाचरौद जनपद पंचायत अंतर्गत ही सैकडों गांव आते हैं जिनमें वर्षो से सांसद एवं विधायक द्वारा पेयजल टंेंकर दिए गए है। लेकिन थोडी बहुत मरम्मत कार्य होने पर ही संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा इन्हें कबाड में बेच दिया गया। जबकि थोडी राशि खर्च कर ही इन्हें पुनः उपयोग लायक बनाया जा सकता था। इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों में इस बात का भी कोई रिकार्ड तक उपलब्ध नहीं है कि कितने टेंकर अभी तक जनप्रतिनिधियों ने प्रदान किए तथा वर्तमान में वह कहॉं है ? ऐसे में जनता के धन का दुरूपयोग एवं भ्रष्ट लोगों द्वारा किया जा रहा है। जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी भी संपूर्ण मामला संज्ञान में होने के बाद भी चुप है।
Post a Comment