नागदा जं-वर्तमान में साधन सीमित है आवश्यकताएं अनन्त है - महासति पुण्यशिलाजी

MP NEWS24- वर्षावास में पूज्य महासति श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि पूर्व समय में साधन भी सीमित थे एवं आवश्यकताएँ भी सीमित थी लेकिन वर्तमान में साधन वही है, आवश्यकताएँ अनन्त हो गई है, एक पूर्ण होती है दस नई खड़ी हो जाती है क्योंकि हर व्यक्ति भौतिक साधनो की और भाग रहा है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि भगवान का मार्ग हाईवे के समान है इस मार्ग पर धार्मिक कर्म करने वाला तिर जाता है उनकी गति भी सुधर जाती है।

चातुर्मास के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि चातुर्मास के चार माह में 8 उपवास करने वाले के बहुमान के लाभार्थी देवेन्द्रकुमार कांठेड़ होंगे एवं 3 उपवास की तपस्या करने वालो के बहुमान के लाभार्थी प्रेमचन्द योगेन्द्र कुमार बोहरा होंगे। तपस्या के अन्तर्गत 19 उपवा श्रीमती निर्मलाजी चण्डालिया, 13 उपवास श्रीमती शान्ताबहन सुनीलकुमार वौरा, 10 उपवास बिन्दुजी कांठेड़, 10 उपवास सृष्टी संघवी के चल रहे है। तेले की ब्रजेश भटेवरा की पूर्ण होकर विजय जी पितलिया की प्रारम्भ हुई। अतिथि सत्कार का लाभ हुकुमचन्द मनोजकुमार अंकित चपलोद द्वारा लिया जा रहा है। संचालन सुरेन्द्र पितलीया ने किया। इस अवसर पर गंभीरमल पावेचा, अरविन्द नाहर, संतोष चपलोत, बसन्तीलाल बेरछावाला, राकेश कोलन, रमेशचन्द्र वोरा आदि उपस्थित थे

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