MP NEWS24- पूज्य महासति पुण्यशिलाजी ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी का जैन सिद्धान्त मंत्रो की असीमित अदृश्य शक्तियों का समावेश योग है। सुबह से लगाकर शाम तक, रात्री से लगाकर प्रातःकाल तक आपको मन्त्रो के शुद्ध उच्चारण कितनी देर की लय का उपयोग कर आत्मा का परमात्मा से मिलन किया जा सकता है। जो हमारे सारे गम मिटा दे उसी को आगम जीनवाणी कहते है। पूज्य महासति नेहप्रभाजी म.सा. ने कहा कि आपको मानव जीवन मिला है तो आपको जीवन जीने की कला आना चाहिये क्योंकि हमारा अगला भव कौन सा होगा कोई नहीं जानता।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि उपवास की तपस्या में 23 उपवास निलेश भटेवरा 21 उपवास श्रीमती पुष्पाजी नवीनजी तरवेचा एवं तेले की लड़ी रमेशजी तांतेड़ के चल रहे है। अतिथि सत्कार का लाभ श्रीमती चन्दाबाई रमेशचन्द्र सुरेश, सुनील वौरा मुलथान वालो ने लिया। संचालन सुरेन्द्र पितलीया ने किया। आभार सुनील वौरा ने माना। प्रवचन में बसन्तीलाल बेरछा वाला, प्रेमचन्द बोहरा, मनोज चपलोत, अनिल पावेचा, विजय सुनिल पितलीया, रजनेश भटेवरा, राकेश कोलन, सागरमल भण्डारी, अमृत कांठेड़, राजेश चोपड़ा, अर्जुनसिंह पंवार, विलाश पावेचा, आनन्दीलाल गगरानी, किशोर राठौड, हुकमचन्दजी चपलोत, चंदनमल संघवी, निर्मल चपलोत, लहरसिंह शाह आदि उपस्थित थे।
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