नागदा - शहर में कोरोना संक्रमण के हालात बिगडने के बाद भी नहीं जागा प्रशासन



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी की दुसरी लहर में शहर के हालात एक बार फिर बिगड गए हैं। आलम यह है कि लगातार संक्रमण का दायरा बढता ही जा रहा है और यह सब कुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रशासन ठीक तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा। उज्जैन जिले का दुसरा सबसे बडा शहर नागदा है, जिला मुख्यालय पर लगातार मामले बढने के बाद भी स्थानिय प्रशासन ने शहर में न तो सख्ती की और ना ही गाईड लाईन का पालन करवाया। ऐसे में आज स्थिति यह हो चुकी है कि संक्रमण लगातार बढता ही जा रहा है। शहर में ऐसे कई संक्रमित है जिनकी जानकारी तक प्रशासन को नहीं है। यदि हालात यही रहे तो संक्रमण की चैन टुटने में लम्बा समय लग सकता है तथा तब तक लगातार मरीजों के संक्रमित होने का क्रम जारी भी रह सकता है।

क्यों बिगड रहे हालात
शहर में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का दौर जारी है। वर्तमान दुसरी लहर में ऐसे कई मामले आऐ है जिसमें लक्षण नहीं होने के बाद भी गंभीर रूप से संक्रमण पाया गया है तथा एक-दो दिन में ही मरीजों की हालत बिगडी है। इस नए वेरियेंट को समझने में ही प्रशासन चुक कर रहा है। प्रशासन ने कोरोना महामारी की दुसरी लहर को रोकने की कागजी तैयारी तो बहुत पहले प्रारंभ कर दी थी लेकिन उसको धरातल पर लाने में नाकाम हो गया। जिला कलेक्टर द्वारा गाईड लाईन जारी करने के बाद भी उसका पालन स्थानिय स्तर पर नहीं हो पाया। शहर में व्यापार व्यवसाय का आलम यह है कि कोई भी व्यापारी कोविड-19 की गाईड लाईन का पालन नहीं कर रहा है। ऐसे में संक्रमण की चेन कैसे टुटती। इससे पूर्व पहली लहर में स्थानिय प्रशासन ने व्यापारी संगठनों की बैठक बुलाकर सख्त लहजे में कहा था कि गाईड लाईन का पालन हर हाल में हो, जिसके बाद शहर में स्थिति यह बनी थी कि कभी 10 संक्रमित थे वह बाद में कम होकर 0 हो गए थे। कुछ इसी प्रकार की पहल प्रशासन को करना होगी। उसके बाद ही शहर में संक्रमण के दायरे को रोका जा सकेगा। इस शहर के सम्मानित व्यापारीयों ने प्रशासन के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया है, इस संकट की घडी में भी वह प्रशासन को हर संभव सहयोग करेंगे।

इस प्रकार की घटनाओं ने बढाया संक्रमण
मिडिया में उज्जैन शहर की एक हैडलाईन काफी चर्चा में है पत्नि पाॅजिटिव, पति कर रहा था दुकान का संचालन, बेटी फल लेने बाजार गई थी। कुछ इसी तरह के मामले शहर में दर्जनों है। जिसमें निजी तोर पर कराई गई जांच में कई लोग संक्रमण के दायरे में आऐ है लेकिन गुपचुप तरीके से संक्रमित व्यक्ति को शहर से अन्यंत्र भेज दिया जाता है तथा स्थानिय स्तर पर व्यवसायिक गतिविधियाॅं संचालित हो रही है। ऐसे में परिजन बिना जांच के ही व्यवसायिक गतिविधियाॅं संचालित कर रहे है। जिसकी भनक तक प्रशासन को नहीं है। ऐसे में प्रशासन की इस चुक का खामियाजा पुरे शहर को भूगतना पड सकता है।
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