नागदा - एक माह से सभी व्यवसायिक गतिविधियाॅं बंद, कफ्र्यू बढा तो उच्च न्यायालय की शरण लेंगे



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी की दुसरी लहर के चलते लगातार एक माह से भी अधिक समय से क्षेत्र की समस्त व्यवसायिक गतिविधियाॅं बंद है। किराना व्यवसायी जहाॅं होम डिलेवरी के तहत सामग्री दे रहे हैं वहीं सब्जी व्यवसायियों को मात्र 1-2 घंटे की आंशिक छूट दी गई है। अन्य व्यवसाय वाली दुकाने एक माह से भी अधिक समय से बंद है। इन्दौर कलेक्टर द्वारा एकाएक आदेश निकाल कर दुकाने बंद करने के आदेश को उच्च न्यायालय में दी गई चुनौती के बाद न्यायालय ने प्रशासन के फैसले को गलत माना है। ऐसे में स्थानिय व्यवसाई भी यदि कोरोना कफ्र्यू बढता है तथा व्यवसायिक गतिविधियों को प्रारंभ नहीं किया जाता है तो स्थानिय स्तर पर भी कुछ संगठन उच्च न्यायालय जाने की बात अब कहने लगे है। ऐसे में प्रशासन को सुझ-बुझ के साथ संक्रमण भी न फैले तथा व्यवसायिक गतिविधियाॅं भी प्रारंभ की जा सके ऐसा कोई निर्णय जल्द ही लेना होगा। यदि न्यायालय से कोई फैसला आता है तो उसमें प्रशासन की भी किरकिरी होगी।

एक माह से व्यवसायिक गतिविधियाॅं पुरी तरह बंद
शहर में जनरल स्टोर्स, बारबर शाॅप्स, गृह निर्माण, गिफ्ट हाउस, वैवाहिक आयोजन, टेंट, रेस्टोरेंट, फूटवियर दुकानें, कपडा दुकान, टेलर्स व दर्जना अन्य व्यवसाय की दुकाने विगत एक माह से भी अधिक समय से बंद है। प्रशासन ने मात्र किराना एवं सब्जी व्यवसाय को ही आंशिक छूट प्रदान कर रखी है। ऐसे में इतने लम्बे समय से घर पर बैठे व्यवसाईयों में कफ्र्यू की अवधि बढाऐ जाने पर आक्रोश भी उभर सकता है। कोरोना की पहली लहर में भी लगभग तीन माह तक व्यवसायिक गतिविधियाॅं बंद रही थी। ऐसे में विगत एक वर्ष से क्षेत्र का व्यापार-व्यवसाय पुरी तरह चैपट हो चुका है।

किराना व्यापारी संघ ने दिए संकेत
किराना व्यापारी संघ के संरक्षक मनोज राठी ने हमारे प्रतिनिधि से चर्चा में बताया कि प्रशासन के निर्देशों का स्थानिय व्यापारी अक्षरसः पालन करते आ रहे है। प्रशासन ने जब भी व्यवसायिक गतिविधियाॅं बंद करने को कहा व्यापारियों ने उनका साथ दिया। वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर काफी कम हो चुकी है। ऐसे में सुरक्षित रूप से व्यापार-व्यवसाय करने की अनुमती दी जाना चाहिए। श्री राठी ने कहा कि कोरोना के चलते क्षेत्र के कई व्यापारी भी प्रभावित हुए है। ऐसे में प्रशासन को कफ्र्यू की अवधि की समाप्ति उपरांत व्यवसायिक गतिविधियों को किस प्रकार से प्रारंभ किया जाऐ इसकी रूपरेखा बनाना चाहिए। क्योंकि कफ्र्यू को समाप्त होने में अब मात्र 4 दिन ही बचे हैं। प्रशासन यदि इन परिस्थितियों में भी व्यवसाय प्रारंभ के आदेश जारी नहीं करता है तो उच्च न्यायालय की शरण में भी व्यापारी संगठन जाने पर विचार कर रहे है।
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