MP NEWS24- महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि भगवान की जिनवाणी हीरे पन्ने की खान है जिसकी चमक आभा और महत्व कभी खत्म नहीं होता है, इसकी कीमत भी लगातार बढ़ती रहती है, घटने का नाम नहीं लेती है। इस वाणी का अनुसरण या जीवन में उतारने वालो की कभी भी हार नहीं होती है तथा वह अपना सम्पूर्ण जीवन बदल सकता है। अतः हमको हमेशा गुणो की तरफ ध्यान रखना चाहिये अवगुणो पर निगाह भी नहीं डालना चाहिये। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि काया की ममता का त्याग करने वाले ही साधना के मार्ग पर अग्रसर हो सकते है मानव का मन सदैव भटकता रहता है जैन शास्त्र मंत्रो एवं साधना का शास्त्र है इसके बिना हम सफलता को प्राप्त नहीं कर सकते।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि 25 अगस्त को विजय पितलीया की अठाई के उपलक्ष्य में महावीर भवन में दोपहर को नवकार महामंत्र जाप का आयोजन सुरेन्द्र कुमार विजयाजी पितलीया की ओर से किया जायेगा। श्रीमती निर्मला चण्डालिया के 24 उपवास की तपस्या एवं श्रीमती शान्ताबहन सुनीलजी वोरा के 18 उपवास की तपस्या के उपलक्ष्य में धार्मिक प्रभावना श्री भंवरसिंहजी पर्वतसिंहजी डोडिया रतनीयाखेडी वालो की ओर से वितरीत की गई। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना।
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