MP NEWS24- वर्षावास में पूज्य महासति श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि कोई भी काम जब मनुष्य करता है तो उसको समय पर विधि विधान के अनुसार अपने नॉलेज एवं अनुभव के आधार पर करना चाहिये तभी वह हर कार्य सफलतापूर्वक कर सकता है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि जब भी हम ईश्वर, गुरू, संत एवं सतियों तथा अपने से अग्रज बड़े लोगो झुककर वंदना करनी चाहिये।
चातुर्मास के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि सिद्धीतप की तपस्या जयमाला पितलीया, निर्मला पितलीया, तनिषा सकलेचा, शिवानी धोका, अवनी ओरा, मनोरमा मारू की चल रही है, उपवास की तपस्या में 20 उपवास श्रीमती निर्मला चण्डालिया, 14 उपवास श्रीमती शान्ताबहन सुनीलकुमार वौरा, 11 उपवास बिन्दुजी कांठेड़, 11 उपवास सृष्टी संघवी के चल रहे है। तेले की लड़ी विजयजी पितलीया की चल रही है। अतिथि सत्कार का लाभ हुकुमचन्द मनोजकुमार अंकितकुमार चपलोत परिवार द्वारा लिया जा रहा है। संचालन राजेन्द्र कांठैड़ एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना।महावीर भवन में चौबीसी हुई
मीडिया प्रभारी ने बताया कि समाज के वरिष्ठ चंदनमल संघवी के वर्षीतप की तपस्या चल रही है। दादाजी की प्रेरणा से पोती कुमारी सृष्टी संघवी ने 13 वर्ष की अल्पायु में 11 उपवास की तपस्या के अवसर पर आज दोपहर को महावीर भवन में चौबीसी का धार्मिक आयोजन चंदनमल रविकुमार संघवी की ओर से की गई। सृष्टी संघवी श्रीमती श्रद्धा हेमन्त संघवी की सुपुत्री है।
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