MP NEWS24- नागदा जं. निप्र। हिन्दू नववर्ष गुडी पडवा व चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ अवसर पर शनिवार को शहर में खासी चहल-पहल दिखाई दी। अलसुबह से चंबल तट स्थित चामुण्डा माता मंदिर पर श्रृद्धालुओं के पहुॅंचने का क्रम जारी था। श्रृद्धालुओं ने लम्बी कतार में लगकर मातारानी के दर्शन किए। कई संस्थाओं द्वारा राहगिरों को तिलक लगाकर कर नीम व मिश्री बांटकर स्वागत किया।गुडी पडवा पर शहर में निवास करने वाले महाराष्ट्रीयन परिवारों में विशेष आयोजन हुए। दोपहर में परिवारजनों ने सामुहिक रूप से गुडी की पूजा की। इस अवसर पर परिवारजनों द्वारा स्वादिष्ट व्यंजनों को भी बनाया गया था जिसमें पुरनपोरी आदि शामिल थे। सामाजिक समरसता मंच सदस्यों ने कन्याशाला चौराहे पर राहगीरों को चंदन का तिलक लगाकर नीम व मिश्री का वितरण कर नववर्ष की शुभकामनाऐं दी। इस दौरान रमेश मोहता, जगदीश मेहता आदि मौजुद थे। वहीं जन जागृ ितमंच, नाईस कम्प्युटर, सरस्वती शिशु मंदिर के भाई-बहनों द्वारा तिलक लगाकर नववर्ष की शुभकामनाऐं दी। इस मौके पर प्राचार्य व आचार्य भी मौजुद थे।
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मॉं चामुण्डा के मंदिर पर उमडी आस्था
नागदा के चंबल तट स्थित कुंड वाली चामुंडा माता शहरवासियों के लिए आस्था का केंद्र है। माता मंदिर पर दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की मनचाही इच्छा पूरी हो जाती है। विशेषकर यदि किसी दंपति की गोद नहीं भर रही है, तो माता के दरबार में अर्जी लगाकर मन्नत मांगने से उसे संतान की प्राप्ति हो जाती है। शहर के प्रवेश द्वार पर विराजित मां चामुंडा पर प्रति रविवार को दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मंदिर पुजारी सोहन गुरु बताते हैं कि, बारिश के दिनों में चंबल नदी में बाढ़ की स्थिति निर्मित होती है। हनुमान पाला डेम से नदी का पानी ओवरफ्लो होकर बहने लगता है। ऐसे में चामुंडा माता मंदिर डूब जाता है, लेकिन के शिखर पर लगे ध्वज को बाढ़ का पानी टच नहीं कर पाता। नदी में आए बाढ़ को देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ती है। जितने दिनों तक मंदिर डूबा रहता है, दर्शन के लिए प्रतीकात्मक रूप से माता का चित्र मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर रख दी जाती है।
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