जनसुनवाई में दिये गये आवेदन के अनुसार क्षत्रिय ने बताया कि वर्ष 1997 से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नागदा नगर पालिका के अधीन कर दी गई थी। वर्तमान में हाउसिंग बोर्ड की देखभाल नगर पालिका परिषद करती है। हाउसिंग बोर्ड 30 वर्ष की लीज पर दिया गया था। अब हाउसिंग बोकर्ड के नवीनीकरण के नाम पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा अवैध शुल्क के रूप में 15 हजार से 30 हजार रूपये तक वसूले जा रहे है।
क्षत्रिय ने मांग की है कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के रहवासियों को या तो शुल्क माफ कर दिया जाये या शुल्क में छूट दी जाये। कलेक्टर महोदय ने संबंधित अधिकारी को मामला देते हुए आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही कोई हल निकाला जावे। यदि कोई निराकरण नहीं होता है तो कॉलोनीवासी आंदोलनात्मक कार्यवाही करने के साथ न्यायालयीन कार्यवाही के लिये स्वतंत्र रहेंगे।
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