अस्पताल के बाहर से ही भगा रहे मरीजों को
श्री जायसवाल ने कहा कि विगत कई दिनों से ग्रामीण क्षैत्रों से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है शासकीय चिकित्सालय नागदा व खाचरौद में जब संक्रमित मरीज को उनके परिजन लेकर आते है तो चिकित्सालयों में तैनात कर्मचारी व स्टाफ उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार नहीं प्रदान करता है डाॅक्टर के आने पर संक्रमित मरीज को देखने की बात कहकर उन्हें बाहर खडा कर दिया जाता है घंटों बाहर पडे रहने के बाद में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है कि विगत दो-तीन दिन में ग्रामीण क्षैत्र के लोगों ने अस्पताल परिसर में अपनी जान दे दी।
चिकित्सक नहीं पहुॅंचते है समय पर अस्पताल
ग्रामीण क्षैत्र से आ रहे संक्रमित मरीज सुबह-सुबह शासकीय चिकित्सालय नागदा व खाचरौद पहुंच जाते है जो मुख्य चिकित्सक होते है वह 10 या 11 बजे तक चिकित्सालय में आते है अन्य डाॅक्टर उनका उपचार नहीं करते उन्हें बाहर ही खडा कर दिया जाता है। जबकि संक्रमित मरीज के साथ में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर उन्हें प्राथमिक उपचार की व्यवस्था तत्काल चिकित्सालय द्वारा की जाना चाहिए जिससे की मरीज की जान बच सके लेकिन चिकित्सालय में कार्यरत कर्मचारी व स्टाफ के लापरवाही के कारण मरीज के परिजन अपने आप को असहाय महसूस करते है और उनके सामने ही संक्रमित मरीज दम तोड देता है।
वरिष्ठ अधिकारी जारी करें निर्देश
श्री जायसवाल ने कहा कि शासकीय चिकित्सालय नागदा व खाचरौद के डयुटी पर तैनात नर्स स्टाफ या अन्य चिकित्सक को आदेशित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों या शहरी क्षैत्र का काई भी मरीज जब उन्हें दिखाने आता है तो उसे प्राथमिक उपचार देकर तत्काल वरिष्ठ डाॅक्टर को उसकी रिपोर्ट बताए जिससे कि समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बच सके।
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