नागदा - बीमा में मात्र छः बेड, जनहित में जनसेवा को कोविड सेंटर बनाना अत्यंत आवश्यक - चोपडा




NAgda(mpnews24)।  विगत 25 दिनो के प्रयास के बावजूद भी बीमा कोविड सेंटर को मात्र 6 बेड से शुरु करना अनुविभागीय अधिकारी और आपदा प्रबंधन समिती की भारी असफलता है। प्रशासन को एसडीएम को हटाकर आपदा प्रबंधन समिती को भंग कर देना चाहिये और आपदा प्रबंधन का कार्य चिकित्सीय परामर्श में योग्य और अनुभवी व्यक्ति को दिया जाना चाहिये। यह मांग केन्दीय मंत्री थावरचन्द गेहलोत और जिला प्रभारी मंत्री मोहन यादव से सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा ने ट्वीट के माध्यम से की है।

जिलाधीश के आदेश को न मानना दुर्भाग्यपूर्ण
चोपडा ने कहा कि बीमा अस्पताल में विगत 25 दिनों से कोविड सेंटर बनाने हेतु कार्य किया जा रहा था। जिला प्रशासन, स्थानिय प्रशासन, नगर पालिका एवं उद्योग पबंधन के सहयोग के बावजुद भी बीमा में मात्र 6 बेड का अस्पताल ही स्थानिय प्रशासन प्रारंभ कर पाया। ऐसे में यह स्थानिय स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन एवं राजनेताओं की बडी विफलता है।

एक माह में छः बेड तो 50 बेड में कितना समय लेगा प्रशासन ? पल पल किमती है
चोपडा ने कहा कि बीमा के मात्र 6 बेड के अस्पताल में पूरा स्टाफ लगाने से शासकीय अस्पताल मे बिगड़ी हुई व्यवस्था ध्वस्त हो जायगी। श्री चोपडा ने कहा कि एक माह में 6 बेड का कोविड सेंटर बनाने वाला प्रशासन आने वाले कितने दिनो मे 24 बेड का इसे कर पाऐगा तथा 50 बेड होगा की भी नहीं यह अंधकारमय दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए शहर के लिए एक-एक पल कीमती है तथा एक-एक मिनट जीवन और मृत्यु के लिये संघर्ष करने वाली जनता के लिये पीड़ादायी है।

जनसेवा के लिए त्वरित निर्णाय लेने का समय
श्री चोपडा ने कहा कि कोविड़ का परामर्श चिकित्सीय विशेषज्ञ से लेकर कोविड सेन्टर का संचालन करवाया जाय। आने वाले समय में 18 मई तक पीक आने वाला है। इस समय बीस प्रतिशत रोगियो की वृद्धि होगी और बीमा हास्पिटल मे शीध्रता शीघ्र 50 बेड नही किये गये तो भारी जनहानि होगी। अगर बीमा हास्पिटल मे 50 बेड चालू करने में प्रशासन असफल रहता है तो जनसेवा हाॅस्पिटल को आने वाले पीक से निपटने के लिये कोविड सेन्टर घोषित करे।

बाॅक्स
सवा करोड का बजट, बेड सिर्फ 6 ही बन पाऐ

चोपडा ने कहा कि लगभग सवा करोड़ रुपये का कोष प्राप्त होने के बावजूद मात्र 6 बेड चालू करना दुर्भाग्य पूर्ण है। पैसे बचाने की बजाय मरीजो की जान बचाने पर आपदा प्रबंध समिती को ध्यान देना चाहिये। 25 दिनो मे आपदा प्रबंध समिती आक्सीजन लो मीटर की व्यवस्था नहीं कर पाई। सिलेण्डर के सहारे तीन दिन मे ही कोविड सेन्टर प्रारंभ किया जा सकता था। शासन की अव्यवस्था से क्षेत्र मे बहुत मौते हो चुकी है और डेढ़ लाख के शहर नागदा में प्रशासन ने कोविड सेन्टर के विषय में गंभीरतापूर्वक कदम नहीं उठाये तो भारी जन हानि हो सकती है।
Ετικέτες

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget