MP NEWS24- कोविड-19 के पूर्व जो रतलाम-भोपाल ट्रेन वातानुकुलित कोच को छोड कर पूर्ण रूप से अनारक्षित रूप से चला करती थी उसके मात्र दो कोच रतलाम रेल मण्डल द्वारा अनारक्षित किए गए है। इन आरक्षित कोच में मात्र 100-200 नागरिक ही यात्रा कर पाऐंगे जबकि रतलाम से भोपाल के बीच हजारों यात्री इस यात्री गाडी में प्रतिदिन यात्रा किए करते थे। रेल प्रशासन मात्र दो कोच को अनारक्षित कर इसे बडी उपलब्धि बता रहा है जबकि कोविड-19 के पूर्व मात्रा वातानुकुलित कोच को छोड कर सभी कोच अनारक्षित थे। ऐसे में रेल मण्डल की इस कार्रवाई से क्षेत्र के नागरिकों एवं प्रतिदिन यात्रा करने वाले नागरिकों में गहरा आक्रोश अब पनपने लगा है। क्योंकि वर्तमान में काफी बडे त्यौहार आना है जिसमें धनतेरस, लक्ष्मीपुजन, दीपावली एवं अन्य त्यौहारों पर यात्रियों का काफी दबाव रहने वाला है। ऐसे में रेल प्रशासन को रतलाम भोपाल ट्रेन को पूर्ण रूप से कोविड-19 पूर्व की स्थिति में चलाना चाहिए।क्या है मामला
रेल प्रशासन ने हाल ही में यात्रियों की सुविधा का हवाला देते हुए लेकर रतलाम रेल मंडल ने दो ट्रेनांे में सामान्य श्रेणी कोच को अनारक्षित रूप में चलाने का निर्णय लिया है। जिसमें ट्रेन क्रमांक 09339 दाहोद-भोपाल स्पेशल, 09323 डॉ. आंबेडकर नगर-भोपाल स्पेशल अब अनारक्षित रूप में चलेगी। यानी सामान्य श्रेणी के कोचों में यात्रा करने के लिए यात्री को रिजर्वेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए रेलवे द्वारा सामान्य श्रेणी कोच को चिन्हित किया गया है। दोनों ट्रेनों के डी-11 से डी-15 तक, डीएल-1 व डीएल- 2 (एसएलआरडी) कोच अनारक्षित रूप में चलेंगे। यात्रियों के लिए यह सुविधा सोमवार से शुरू कर दी गई है।
उज्जैन यात्रा हेतु प्रमुख यात्री गाडी है डेमू
उल्लेखनिय है कि रतलाम से उज्जैन की यात्रा हेतु डेम एक प्रमुख यात्री गाडी के रूप में वर्षो से प्रचलित है। लेकिन रेल प्रशासन की मनमानी के चलते इसे अभी तक अनारक्षित नहीं किया जा रहा है। जबकि कोविड-19 के पूर्व वातानुकुलित कोच को छोड कर सभी कोच अनारक्षित रूप से चला करते थे। ऐसे में यात्रीयों में रेल प्रशासन के प्रति त्यौहार के समय भी ट्रेन को अनारक्षित नहीं करने पर काफी आक्रोश है। वहीं स्थानिय नेता मात्र दो कोच अनारक्षित होने पर भी इसे अपनी उपलब्धि बताने से नहीं चुक रहे है।
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