नागदा जं-एक साल से नहीं मिली छात्रवृत्ति, विद्यार्थीयों को अध्ययन में करना पड रहा परेशानियों का सामना

MP NEWS24- महिदपुर रोड स्थित शासकीय स्वामी विवेकानंद कॉलेज में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को एक वर्ष बीतने के बाद भी छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। इसको लेकर सोमवार को एनएसयूआई के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने कॉलेज परिसर में धरना दिया। इस दौरान पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष नरेंद्र गुर्जर ने कहा कि शिक्षण सत्र 2020-21 का वर्ष बीत चुका है और नए शिक्षण सत्र को शुरू हुए भी पांच माह हो चुके हैं। एडमिशन फॉर्म भी भरा चुके हैं, लेकिन शासन द्वारा गत वर्ष की पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति अब तक नहीं दी है। इससे विद्यार्थियों को आगे पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कई विद्यार्थी ऐसे हैं, जो छात्रवृत्ति के आधार पर ही अपनी पढ़ाई को पूर्ण करते हैं। ऐसे में उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश लेने में परेशानियां झेलना पड़ रही है।

फर्जी मार्कशीट पकड़ने पर ट्रांसफर कराने का आरोप
गुर्जर ने कहा बीएससी और एमएससी गणित संकाय की कक्षाएं कॉलेज प्रारंभ होने के बाद एक भी दिन नहीं लगाई गई है। क्यांेकि पूर्व में जो प्रोफेसर यहां गणित पढ़ाया करते थे, उन पर झूठे आरोप और धरना देकर भाजपा सरकार से ट्रांसफर करा दिया गया। उनकी जगह किसी अन्य को भेजा भी नहीं है। गुर्जर के मुताबिक ट्रांसफर कराने के पीछे मामला यह था कि संबंधित प्रोफेसर ने एबीवीपी के एक पदाधिकारी की फर्जी मार्कशीट पकड़ ली थी। खुलासा भी गत दिनों उज्जैन से मीडिया द्वारा था। एबीवीपी के पदाधिकारी की फर्जी मार्कशीट का राज खुल न जाए, इसलिए प्रोफेसर पर झूठे आरोप लगाकर ट्रांसफर कराया गया। हर्जाना अब 150 से अधिक विद्यार्थियांे को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि प्रदेश में पहले ही गणित के प्रोफेसरों की कमी है। ऐसे में प्रोफेसरों का ट्रांसफर अपने फायदे के लिए कराना समझ से परे है। इन विद्यार्थियों की कक्षा नहीं लगने की जिम्मेदारी अब कोई नहीं ले रहा है।
कॉलेज में चंदा वसुली की घटनाऐं हुए आम
गुर्जर ने चंदा वसूली का आरोप भी लगाया है। इसमें कहा कि कुछ छात्र नेताओं द्वारा अपने निजी कार्यक्रमों के लिए प्रोफेसरों से चंदा वसूली की जाती है। इस कारण प्रोफेसरों में भय का वातावरण है। इससे बचने के लिए कोई भी प्रोफेसर कॉलेज में नौकरी नहीं करना चाहता है। हर प्रोफेसर अपना ट्रांसफर की कोशिश में लगा है। दो से तीन प्रोफेसरों ने ट्रांसफर अन्यत्र कराया है।
एनसीसी की सीट बढ़ाएं, अन्य मांगें भी जल्द पूरी की जाए
कॉलेज में 53 सीट एनसीसी के लिए रिजर्व है। कई विद्यार्थी एनसीसी लेना चाहते हैं, क्योंकि एनसीसी के सर्टिफिकेट से उन्हें सरकारी भर्ती में पांच से दस तक बोनस पाइंट्स मिलते हैं। सीट कम होने से कई विद्यार्थी एनसीसी नहीं ले पाते हैं। इसे लेकर भी विद्यार्थियों ने प्राचार्य से चर्चा कर अनुरोध किया कि इस सीट को भी बढ़ाकर 100 से 150 तक किया जाए। इसके बाद ज्ञापन सौंपकर मांगांे को शीघ्र पूरा करने की मांग की गई।

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