नागदा जं.--सहारा इंडिया एवं एजेंटो द्वारा शासन व जनता को गुमराह कर निवेशको की गाढ़ी कमाई हड़पने एवं निवेशको को भुगतान नहीं करने पर कार्यवाही हेतु एसडीएम को दिया ज्ञापन

MP NEWS24- पिछले 8-10 वर्षाे से सहारा इंडिया द्वारा अपने निवेशको को मेच्यूरिटी होने के बावजूद भी भूगतान नहीं किया है जिससे गरीब व मध्यम आर्य वर्ग के निवेशको को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हे अपनी जरूरत के समय अपना रूपया नहीं मिल पाने से मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है। सहारा इंडिया एवं इनके एजेंटो द्वारा शासन एवं जनता को गुमराह कर निवेशको की गाढ़ी कमाई हड़पने का कार्य किया है ऐसे लोगो पर कार्यवाही करने हेतु गुरूवार को सहारा इंडिया के निवेशको द्वारा अनुविभागीय अधिकारी के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार आशीष खरे को बैंक में अपनी खून-पसीने की कमाई निवेश करने वाले कमलसिंह राठौर, मुकेश सिंह तंवर, रामसिंह शेखावत, जितेन्द्रसिंह कुशवाह, जेकी आदि ने सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि नागदा के लोगो द्वारा सहारा इंडिया की विभिन्नि योजनाओं में अपने खून पसीने से कमाई राशि जमा करवाई गई जिसका भुगतान मैच्यूरिटी समय सीमा पूर्ण होने के बाद भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। निवेशको एवं शासन से कहा जा रहा है कि सेबी ने सहारा के 24 हजार करोड रूपये रोक रखे है। अगर सेबी पैसा लौटाती है तो निवेशको को पैसे हम लौटा देंगे। जबकि सहारा की जो भी राशि सेबी के पास हे उसे छोड दिया जाए तो सहारा को अन्य योजनाएं हे जिसमे हजारो उपभोक्ताओं ने अपना पैसा निवेश किया उस पर सेबी ने रोक नहीं लगाई है उसका भुगतान भी सहारा सेबी के बहाना बनाकर भुगतान नहीं कर रही है। साथ ही सोबी और शासन को बदनाम करने का काम एजेंटो द्वारा किया जा रहा है। जबकि नागदा के एजेंटो द्वारा पिछले 2-3 वर्षाे में जिन निवेशको को पूर्ण भुगतान के समय राशि ना दे कर उनका पैसा उन्हें गुमराह कर पुनः 6 माह, 1 वर्ष, 2 वर्ष का ज्यादा लाभ का लालच देकर पुनः डिपाजिट करवा लिये है अब उन्हीं एजेंटो से बात करने पर सीधे मुंह बात भी नहीं की जा रही है बोलते है सेबी पैसा देगी तो ही भुगतान होगा। एजेंटो द्वारा झूठ बोलकर धोखेबाजी से निवेशको की राशि उलझा दी है। जबकि यही एजेंट  शहर एवं शहर के आसपास संपत्ति खरीद बिक्री कर रहे है वे अब बड़े-बड़े बंगलो के साथ गाडियो के मालिक बन बैठे है। इन एजेंटो को कमीशन कितना मिलता है इसकी जांच की जानी चाहिये और दोषी होने पर सजा दिलवाई जावे। जब सहारा प्रमुख इसी धोखाधडी में जेल में बंद थे उसके बाद भी इन एजेंटो द्वारा निवेशको से पुनः उनकी राशि का निवेश करवाया। इससे प्रमाणित होता है कि यह एक षडयंत्रपूर्वक शासन व भोलीभाली जनता को गुमराह किया जाने वाला कृत्य है।
ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि शासन सहारा के एजेंटो के कृत्यो की जांच करवाई जावे एवं सहारा इंडिया द्वारा निवेशको का भुगतान शीघ्र करवाया जाय।

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