क्या है मामला
मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदक अजय चंदनानी ने एसडीएम को प्रेषित आवेदन में बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिये है परन्तु निर्देशों का उल्लंघन करते हुए स्थानिय अधिकारियों द्वारा अपनी स्वयं की शासकीय भूमि बचाने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और भूमाफियाओं को संरक्षण देते हुए उनका बचाव किया जा रहा है।
कौन सी भूमि पर किया अवैध कब्जा
शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम पाडल्याकलां आराजी सर्वे नं. 497 व 471 दयानंद काॅलोनी, गली नं. 4 के पास में 22 बाय 50 की शासकीय भूमि है जहाॅं पर नवरात्रि में नवदुर्गा व गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की प्रतिमाऐं विराजित कर मोहल्ले वाले सार्वजनिक उत्सव मनाते हैं तथा अन्य कई सामाजिक कार्यक्रम भी इसी स्थल पर होते हैं परन्तु लाखों रूपये मुल्य की इस भूमि पर सन् 2012 से भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण करने के प्रयास किये जा रहे थे परन्तु ततसमय वह मोहल्लेवासियों के विरोध के कारण सफल नहीं हो पाऐ थे।
कोरोना काॅल में कर लिया अतिक्रमण
शिकायतकर्ता ने बताया कि कोरोना लाॅकडाउन के दौरान उक्त भूमि पर अतिक्रमण कर शिकायतकर्ता के घर के सामने गोडाउन बनाकर आने-जाने का रास्ता रोक दिया है। जिसके चलते परिवारजन दो फीट की गली में से गुजर कर मैन रोड पर पहुॅंचते हैं तथा कई कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले बसंत मालपानी द्वारा राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर उक्त अतिक्रमण किया गया है। उसके द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाईन, जनसुनवाई कलेक्टर कमिश्नर को शिकायत करने के बावजुद भी अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। साथ ही अतिक्रमणकर्ता द्वारा अधिकारियों को गलत जानकारी प्रस्तुत उच्च न्यायालय का हवाला दिया जा रहा है जबकि उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार कोई स्टे मामले में नहीं दिया है। अलबत्ता व्यवहार न्यायालय में प्रस्तुत अतिक्रमणकर्ता के वाद को भी न्यायालय ने निरस्त करते हुए साथ ही एडीजे कोर्ट में की गई अपील को भी निरस्त कर दिया गया है। बावजुद इसके प्रशासन शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण नहीं हटवा रहा है। शिकायतकर्ता ने अतिक्रमण हटाये जाने की मांग की है।
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