क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार बरखेडा नजीक के 45 वर्षिय लल्ला नामक व्यक्ति मंगलवार को सिविल हाॅस्पिटल पहुॅचंे थे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों एवं चिकित्सकों को अवगत कराया कि वह विगत 10 दिनों से बिमार हैं तथा उन्हें अब सांस लेने में भी काफी तकलीफ आ रही है। ग्रामीण ने अधिकारियों से खूब मिन्नते की तथा भर्ती करने हेतु गुहार लगाई लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मात्र उन्हें दवाई देकर ही इतिश्री कर ली तथा जगह का अभाव होने का कहकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया। काफी देर तक गुहार लगाने के बाद मरीज यहाॅं से लौट गया। ऐसे में यदि उक्त व्यक्ति यदि कोरोना जैसी बिमारी से संक्रमित हुआ तो उपचार के अभाव में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड सकता है। जबकि वर्तमान समय में कोरोना गंभीर बिमारी होकर इसमें बहुत जल्दी ही संक्रमण फैल रहा है तथा मृत्यु तक हो रही है। इन सब बातों का पता होने के बाद भी अस्पता प्रबंधक द्वारा मरीज को भर्ती नहीं कर मानवता को भी शर्मसार कर दिया।
इस पुरी स्थिति को देख कर अस्पताल में ही उपस्थित हिन्दू जागरण मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भैरूलाल टाक ने प्रशासन की कार्रवाई पर आपत्ति जताई। उन्होंने एसडीएम आशुतोष गोस्वामी एवं ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. कमल सोलंकी को अवगत कराया कि पिडित का उपचार अस्पताल में किया जाना चाहिए। लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने जगह का अभाव होने की बात कहते हुए व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किए जाने में असमर्थता जता दी। अधिकारियों ने कहा कि बुधवार से बीमा अस्पताल में कोविड सेंटर प्रांरभ हो रहा है वहाॅं पर ही ऐसे व्यक्तियों का उपचार किया जा सकेगा।
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जांच के पूर्व ही भर्ती से इन्कार
गौरतलब है कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना संबंधित बिमारी से ग्रसित होता है तो उसे ही आईसोेलेशन वार्ड अथवा कोविड सेंटर में भर्ती किया जाता है। व्यक्ति काफी दिनों से बिमार था तथा अस्पताल प्रबंधन ने उसकी कोरोना जांच आदि भी नहीं की तथा प्राथमिक उपचार के रूप में ही उसे भर्ती कर उपचार दिया जा सकता था तथा बुधवार को कोविड सेंटर प्रारंभ होने पर उसे वहाॅं स्थानांतरित किया जा सकता था। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा करने के बजाऐ उसे वहाॅं से रवाना कर दिया।
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