नागदा जं-किसानो को वर्ष 2019 के मुआवजा की बकाया तीन किस्त, 2020 व 2021 का सोयाबीन फसल बीमा तत्काल देन की मांग - विधायक गुर्जर

MP NEWS24- विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने किसान हित में प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक बार फिर स्मरण पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि पूर्व की कमलनाथ सरकार के समय अतिवृष्टि से 2019 में सोयाबीन फसल पूर्ण रूप से खराब हो गई थी पूर्व सरकार ने तत्काल कृषि विभाग के उच्चस्तरीय दल से खेत टु खेत सर्वे कराकर मुआवजा देने की घोषणा की थी और घोषणा अनुरूप एक किश्त का पूर्व कमलनाथ सरकार ने किसानों के खाते में मुआवजा राशि तत्काल जमा कर दी थी पूर्व सरकार ने मुआवजा राशि चार समान किश्तों में देने के आदेश जारी किए थे लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गई।

सरकार नहीं दे रही मुआवजा की राशि
श्री गुर्जर ने बताया कि पूर्व सरकार के निर्णय के अनुसार वर्तमान भाजपा सरकार ने पालन करने का कहा था कि किसानों को शीघ्र ही बकाया मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा वहीं 2020 में भी सोयाबीन फसल पूरी तरह खराब हो गई थी तब भी मुख्यमंत्री जी आपने 100 प्रतिशत किसानों को फसल बीमा का भुगतान करने की घोषणा की थी साथ ही यह भी कहा था कि 18 दिसम्बर 2020 को प्रदेश के किसानों के खाते मंे (किसानों ने प्रीमियम जमा की) बीमा राशि डाल दी जाएगी। लेकिन घोषणा पर आज तक अमल नही हुआ है। पीडित किसानों के माथे पर आर्थिक संकट की लकीरे स्पष्ट दिखाई दे रही है। वहीं 2021 की सोयाबीन फसल में अफलन (बांझ) व इल्ली के भारी प्रकोप, सफेद रोग के कारण किसानों को और आर्थिक बोझ के तले दबा दिया है खराब फसल का सर्वे नहीं हो रहा है पटवारी हडताल पर है ऐसी स्थिति में किसान काफी घबराया हुआ है।
बीमा कराया पर नहीं मिला मुआवजा
श्री गुर्जर ने बताया कि जब 2020 व 2021 की सोयाबीन फसल की किसानों ने केसीसी कराते वक्त तथा अऋणी किसानों ने नगद राशि बैंक में जमा कराकर बीमा कराया तो फिर बीमा कम्पनी व सरकार को पीडित किसानों को बीमा राशि देन में इतनी देरी क्यों हो रही है।
बीमा कम्पनी ने प्रिमियम की राशि ली तो मुआवजा भी दे
श्री गुर्जर ने पत्र में इस और भी ध्यान आकर्षित कराया कि जब बीमा कम्पनी के प्रीमियम राशि ली सरकार ने सर्वे कराया फसल खराब होना स्वीकारा बीमा राशि व मुआवजा देन की प्रदेश के मुखिया ने घोषण की साथ ही राशि खातों में जमा करने की तारीख निर्धारित की उसके बाद भी अन्नदाता को अपने वाजिब हक के किलए गत दो वर्ष से इंतजार करना पड रहा है। प्रदेश का अन्नदाता अपने हक व अधिकार के लिए सरकार की तरफ टक-टकी लगाए हुए है लेकिन सरकार के रूखेपन के कारण किसान की आशा निराशा में बदल रही है फिर भी वर्तमान सरकार को अन्नदाता पर जरा भी तरस नहीं आ रही है।
श्री गुर्जर ने यह भी बताया कि हजारा किसान भाई कमजोर है तो देश आत्मनिर्भरता खो देता है और किसान मजबुत है तो हमारी स्वतंत्रता व अखण्डता मजबुत है। कृषि प्रधान देश में किसानों की परेशानी की अनदेखी किसी भी सरकार के लिए हानि कारक है इस बात को गंभीरता से लिया जाए अन्यथा कांग्रेस सरकार के खिलाफ वादा निभाओं चरणबद्ध आंदोलन करेगी।

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