MP NEWS24-पुरे देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढते जा रहे हैं और कोरोना महामारी की तीसरी लहर ने लगभग देश में दस्तक दे दी है, ऐसे में चारों और से आ रही लगातार संक्रमण बढने की खबरों के बाद अतिरिक्त सतर्कता बहुत जरूरी हो गई है। तीसरी लहर फरवरी माह में अपने चरम पर होगी और इससे बचाव के लिए बुस्टर डोज के रूप में मास्क का उपयोग बहुत ही जरूरी है।यह बात जिला अस्पताल के कोविड प्रभारी एवं नागदा के पूर्व ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. संजीव कुमरावत ने हमारे प्रतिनिधि से चर्चा में कही। डॉ. कुमरावत ने बताया कि अफ्रीका की तर्ज पर ही हमारे देश में कोरोना की यह तीसरी लहर मात्र डेढ माह में अपने उच्चतम स्तर पर पहुॅंचकर कम होना प्रारंभ हो जाऐगी। वर्तमान में संक्रमण के केस लगातार बढेंगे, क्योंकि नया वैरिएन्ट ओमिक्रोन डेल्टा वैरिएन्ट से भी बहुत तेज है, पर इसमें अच्छी बात यह है कि यह अभी तक जानलेवा नहीं हैं। यदि संक्रमित मरीज किसी अन्य गंभीर बिमारी से पिडित नहीं है तो उसे जान का खतरा नहीं है और उपचार के बाद आसानी से स्वस्थ्य हो रहा है।
मास्क पहनने वाला व्यक्ति हर प्रकार के वायरस से बच सकता है
डॉ. कुमरावत ने बताया कि वैसे तो देशभर में स्वास्थ्यकर्मीयों और हाईरिस्क वाले लोगों को जल्द ही बुस्टर डोज लगना प्रारंभ हो जाऐंगे। जब तक बुस्टर ोज ना लगे या बाद में भी मास्क बचाव का सबसे कारगर उपाय है। हमेशा मास्क पहनने वाला व्यक्ति हर तरह के कोरोना म्यूटेंट से बच सकता है और यदि संक्रमण हुआ भी तो मामुली होगा। डॉ. कुमरावत ने बताया कि मास्क पहनने से कोरोना वायरस म्यूटेंट नहीं कर पाएगा इससे नए खतरनाक वैरिएन्ट के पैदा होने का खतरा भी काफी हद तक खत्म हो जाएगा।
आने वाले समय में सामान्य बीमारी की तरह होगा कोरोना
डॉ. कुमरावत ने भविष्य में कोरोना के खतरे के संदर्भ में बताया की एक समय के बाद कोरोना संक्रमण एक सामान्य डेंगू, मलेरिया की तरह ही रह जाएगा। हर वर्ष संक्रमण फेलेगा पर जानलेवा नहीं होगा और दवाओं से ही ईलाज सम्भव हो जाएगा। अभी भी कोरोना की टेबलेट बन चुकी है और संक्रमण पर प्रभावी रूप से काम भी कर रही है। सभी को पहली और दुसरी लहर के अनुभव को ध्यान में रखते हुए मास्क, सेनेटाईजर का उपयोग करते हुए भीड भरे कार्यक्रम से दूरी रखना चाहिए।
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