MP NEWS24-सत्ताधारी नेताओ के इशारे नगर पालिका प्रशासक द्वारा नागदा मे अवैध और गैर कानूनी तरीके से एक समय जल प्रदाय का निर्णय लेकर अपनी गलतियो को छुपाने के लिये जनप्रतिनिधियो कि बैठक करके नोटंकी कर रहे है। नियम कानून के अनुसार निर्णय करने का दायित्व प्रशासक का होता है और इस गैर कनूनी कृत्य पर नपा प्रशासक कि शिकायत नागरिक अधिकार मंच राज्य शासन से कर हटाए जाने कि मांग करेगा। सीएमओ के पद के अनुरूप सक्षम व्यक्ति नहीं होने से पेयजल सहित विभिन्न समस्याए और आर्थिक अनियमितता हो रही है। शहर में सत्ताधारी नेताओ और नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों कि सांठ-गांठ से शहर में जान बूझकर ए-क्लास कि नगर पालिका होने के बावजूद भी ऐसे अयोग्य अधिकारी जिनको कि प्रथम श्रेणी कि नगर पालिका के कार्य करने का कोई अनुभव नही है पद पर नियुक्त करने के कारण पेयजल जैसे महत्व पूर्ण कार्य का भट्टा बैठ गया है।नागरिक अधिकार मन्च द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति मे बतलाया गया कि उद्योग समूह के इशारे पर सत्ताधारी नेताओ ने नपा प्रशासक एवं सीएमओ से अधिनियम में प्रावधान नही होने के बावजूद नोटशीट के आधार पर एक समय जल प्रदाय करवा दिया और अगर निर्णय हो गया तो उसे राज्य शासन ही निरस्त कर सकता है जिला प्रभारी मंत्री को कोई अधिकार नही है। भाजपा नेता प्रशासक अक्षम सीएमओ उद्योग समूह के षड़यंत्र और एक समय जल प्रदाय के निर्णय पर पांच दिन मौन कयो रहे। इस मामले के दोषी प्रशासक कि अध्यक्षता में जल प्रदाय कि बैठक करवाकर आम जनता और मिडीया को गुमराह क्यो कर रहे इसका जबाब जनता को देना चाहिये।
मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा एवं संयोजक शैलेन्द्रसिंह चौहान एडव्होकेट द्वारा बतलाया गया कि शहर में सार्वजनिक नल प्रर्याप्त नही होने से गरीब जनता को पेयजल कि भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। योग्य प्रभारी नहीं होने से जल का दुरुपयोग व असमान वितरण हो रहा है। ऐसे में शीघ्रता शीघ्र जनहित मे ठोस कार्यवाही किये जाने कि मांग राज्य शासन से की है।
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