MP NEWS24- चातुर्मास समिति के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि दिव्य ज्योतिजी अर्पण ठाणा 6 का चार माह का चातुर्मास की वर्षावास हेतु नगर में मंगल प्रवेश हो चुका है आपने बताया कि भगवान महावीर के सिद्धान्तो एवं नियमानुसार यह मानव मात्र को शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन के साथ सम्पूर्ण निरोगी काया प्रदान करते है। वर्षाकाल में वातावरण में नमी से कीट, पतंगे, मक्खी, मच्छर साथ कई खतरनाक जीवाणु विषाणु, कीटाणुओं की सूर्यास्त के बाद इनकी उत्पत्ति चालु होती है एवं प्रातः सुर्याेदय पश्चात् इसकी प्रचण्ड प्रकोप से इनका आटोमेटिक खात्मा हो जाता है। रात्री भोजन त्यागकर करने से जाने अनजाने में दृश्य एवं अदृश्य कीट पतंगे कई खतरनाक बिमारियों को आपके शरीर में बचाने का कार्य करते है। अतः हमको सूर्यास्त के 1 घंटा पूर्व एवं सूर्याेदय के बाद ही खाद्य पदार्थ भोजन करना चाहिये। साथ में तपस्याएं उपवास आयम्बिल से शरीर का शुद्धिकरण एवं पांचन तंत्र को मजबुत करते है साथ पारणे का सामान में सर्वप्रथम काली मीर्च का पानी शरीर में विद्यमान जीवाणु विषाणु कीटाणु वायरस का खात्मा कर खुन को पतला कर नेत्र ज्योति वर्धक का कार्य करती है एवं मुंग दाल का पानी आंतो की सफाई कर विसर्जन का कार्य करती है एवं जप, तप, ध्यान के मध्यम से योग प्राणायाम व्यायाम से शरीर के समस्त अंग को सक्रियता प्रदान कर सेल्स को रीजनरेट का कार्य करता है। अतः हमको भगवान महावीर के अनुसार चार माह तक इसका अनुसरण करना चाहिये। श्री संघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने चातुर्मास काल में अधिकतम लाभ की अपील की।
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