नागदा - पूर्व में हुए कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच हुए समझौते का पालन करे सरकार- श्री चतुर्वेदी




Nagda(mpnews24)।  पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार और शिक्षकों व कर्मचारी संगठनों के बीच समझौता हुआ था कि जब-जब केन्द्र सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देगी, किश्त देगी तब-तब राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देगी लेकिन समझौते अनुसार प्रदेश सरकार अक्षरसः पालन नहीं कर रही है।

मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस के महासचिव स्वरूपनारायण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पुनः स्मरण कराया कि कोरोना के नाम पर प्रदेश के कर्मचारियों का डी.ए. तथा वार्षिक वेतन वृद्धि पर दो वर्ष की रोक लगा दी थी जबकि पूर्व कमलनाथ सरकार द्वारा जारी पांच प्रतिशत के डी.ए. पर भ्ज्ञी वर्तमान सरकार ने पदभार ग्रहण करते ही रोक लगा दी थी वो भी आदेश जारी नहीं किए पदपश्चात वार्षिक वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी वो भी आदेश जारी नहीं किया जबकि केन्द्र सरकार अपने कर्मचारियों को 28 प्रतिशत डी.ए. दे रही है और वार्षिक वेतन वृद्धि पर कोई रोक नहीं है जबकि मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है और वार्षिक वेतन वृद्धि पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। केन्द्र के समान अन्य राज्य छतीसगढ, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों की सरकारों ने केन्द्र के समान डी.ए. व वेतन वृद्धि दे दी है सिर्फ मध्यप्रदेश सरकार ने ही अडियल रवैया अपना रही है।

कर्मचारियों का अधिकार है डीए व वेतनवृद्धि
श्री चतुर्वेदी ने पत्र में इस और भी ध्यान आकृर्षित कराया कि कर्मचारी वर्ग किसी भी सरकार का अभिन्न अंग होता है और डी.ए. तथा वेतनवृद्धि उनका अधिकार है इसलिए इस वर्ग को नाराज नहीं करना चाहिए। चतुर्वेदी ने बताया कि महंगाई चरम पर है ऐसी स्थिति में समय-समय पर डी.ए. देना चाहिए सिर्फ कर्मचारी वर्ग के लिए सरकार आर्थिक रोना गाना करे यह न्यायौचित नहीं है सरकार केन्द्र के समान तत्काल डी.ए. व वार्षिक वेतनवृद्धि देने की घोषणा आगामी 27 जुलाई की केबिनेट बैठक में करे तो उचित होगा।

 



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