MP NEWS24-नगरीय निकाय एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश शासन के मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने अवैध कॉलोनीयों को वैद्य किए जाने के संबंध में लम्बे समय से चले आ रहे प्रयासों को अमली जामा पहना दिया है। मंगलवार को शासन द्वारा अवैध कॉलोनीयों को नियमानुसार वैद्य किए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए है। इस हेतु 21 सितम्बर 2021 को गजट नोटिफिकेशन कर प्रक्रिया को आरंभ किया गया था। अवैध कॉलोनीयों को टाइम फ्रेम में वैध करने की कार्यवाही की जाऐगी। इस संबंध में मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनी विकास) नियम-2021 जारी कर दिये गए हैं। मामले में संबंधित अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।क्या है मामला
गौरतलब है कि नागदा शहर में बीते एक वर्ष से भी अधिक समय से अवैध कॉलोनियों का मामला काफी छाया हुआ है। शहर में शासन के नियमों के विरूद्ध अवैध कॉलोनी काटकर भूखण्ड विक्रय करने वालों एवं क्रय करने वालों के लिए यह काफी कष्टदायक हो चला था। ऐसे ही मामले में करीब तीन दर्जन से अधिक लोगों को मुनपा अधिकारी की रिर्पोट पर आरोपी बनाते हुए उनके विरूद्ध नगर पालिका अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज कर जेल भेजने की कारवाई भी की गई थी। ऐसे में शासन द्वारा अवैध कॉलोनीयों को वैद्य किए जाने के प्रावधान लागू कर दिए गए है। जिससे भूखण्ड क्रय करने वालों को अब कॉलोनीयों के वैद्य होते ही नपा की सुविधाओं के साथ-साथ भवन निर्माण अनुमती, नामांतरण आदि कार्य भी निर्विध्न संपादित हो जाऐंगे।
राज्य शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा 21 सितम्बर 2021 को किए गए गजट नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार द्वारा नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-क,ख,ग,ड तथा छ के साथ्ज्ञ गठित धारा 355 तथा 356 द्वारा प्रदत्त शिक्तियों को प्रयोग में लाते हुए उक्त प्रावधानों को किया गया है।
गजट नोटिफिकेशन के बिन्दु क्र. 23 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि निर्दिष्ट तारीख के पूर्व अस्तित्व में आई अनाधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अवसंरचना प्रदाय किए जाने हेतु योजना तैयार किया जाना है। जिसमें कहा गया है कि 31 दिसम्बर 2016 के पूर्व अस्तित्व में आई अनाधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अवसरंचना प्रदान किए जाने की प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रारंभ की जाऐगी। सक्षम प्राधिकारी उप-नियम (1) में विहित तारीख तक अस्तित्व में आयी अनाधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित करने के लिए व्यापक सर्वेक्षण संचालित करेगा तथा ऐसी अनाधिकृत कॉलोनियों की जानकारी संबंधित नगर पालिका में प्रस्तुत करने के लिए सार्वजनिक सूचना भी जारी करेगा। यह भी बताया या है कि सक्षम प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के पश्चात ऐसी कॉलेनी उपनियम (1) में विनिर्दिष्ट तारीख तक अस्तित्व में आयी है कॉलोनियों के हितधारकों से आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए सार्वजनिक सूचना जारी करेगा। यह सार्वजनिक सूचना कम से कम दो स्थानीय समाचार पत्रों में हिन्दी भाषा में जारी की जाऐगी। साथ ही इन कॉलेनियों में नागरिक अवसंरचना उपलब्ध कराने के प्रयोजन से सक्षम प्राधिकारी मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 तथा उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के यथा संभव अनुपालन में ऐसी कॉलेनी के अभिन्यास ले आउट तैयार कर अंतिम रूप भी दिया जाऐगा।
शहर के व्यापार में फिर आऐगी तेजी
गौरतलब है कि अवैध कॉलोनीयों के मामलों के चलते क्षेत्र के अचल संपत्तियों के व्यापार में भारी गिरावट महसुस की जा रही थी। शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैद्य करने तथा नवीन नियमों के तहत कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देने से अचल संपत्तियों के कारोबार में एक बार फिर उछाल आने की संभावना है तथा इससे जुडे करीब 2000 लोगों को एक बार फिर रोजगार मिल सकेगा।
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