Nagda(mpnews24)। क्षेत्र का अन्नदाता इन दिनों यूरिया एवं खाद की किल्लत से काफी जुझ रहा है। क्षेत्र में संचालित होने वाली मार्केटिंग सोसायटियों पर यूरिया बिलकुल भी उपलबध नहंी हो रहा है। ऐसे में क्षेत्र के किसानों को उंचे दाम देकर यूरिया खरीदना पड रहा है।
क्या है मामला
खरीफ फसलों की कटाई संपन्न हाने के बाद से ही क्षेत्र का अन्नदाता अपनी उपज को मंडी में बेचने में लगे हुए हैं, ताकि रबी फसल की बोवनी की तैयारियाॅं शुरू कर सके। इसके लिए किसान खाद-बीज की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन समितियों में अभी तक पर्याप्त यूरिया नहीं पहुॅंचा है ऐसे में बाजार से यूरिया खरीदने पर किसानों को मजबूर होना पड रहा है।
फसल का उत्पादन बढाने के उद्देश्य से किसान खेतों में यूरिया व अन्य खाद डालते हैं, लेकिन सोसायटियों में अतक पर्याप्त यूरिया नहीं आया है। ऐसे में किसानों को बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदना पड रहा है। वहाॅं भी दुकानदार पहले तो किसानों को यूरिया नहीं होने की बात कहता है। इसके बाद अधिक अनुरोध करने पर किसानों को यूरिया के साथ्ज्ञ अन्य खाद खरीदने पर महंगे दामों में यूरिया खरीदना पड रहा है। किसानों ने सभी समितियों में यूरिया उपलब्ध कराकर किसानों को देने की मांग की है।
मामले में हमारे प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए क्षेत्र के कई कृषकों ने बताया कि सोसायटियों में यूरिया नहीं होने से हमें निजी दुकानों से यूरिया खरीदना पड रहा है। सोसायटियों में यूरिया 267 रूपऐ में मिलता जो निजी दुकानों पर 350 से 400 रूपये प्रति बोरी के मान से मिल रहा है। इसके लिए भी 1125 रूप्ए की डीपपी बैग 1200 में खरीदना पड रहा है जो किसान डीएपी की बोरी नहीं खरीद रहा, उसे यूरिया नहीं दे रहे हैं। विक्रेताओं की शर्त के आगे बेबस किसानों को यूरिया के साथ डीएपी की बोरी भी खरीदना पड रही है। विक्रेताओं की मनमानी से कृषि विभाग भी अनजान नहीं है लेकिन कार्रवाई से बच रहा है। ऐसे मे ंप्रशासन को जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराना चाहिए।
Post a Comment