नागदा - निमा के आयुष चिकित्सक आज आईएमए के बंद के खिलाफ अपनी सेवाएं देगे




Nagda(mpnews24)।   उपाध्यक्ष, नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन मध्यप्रदेश एवं शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. हिमांशुदत्त पाण्डेय ने जारी प्रेस बयान में बताया कि मध्यप्रदेश के नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (निमा) के अध्यक्ष डॉ. महेश गुप्ता, महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नेहा रेजा व स्टूडेंट फोरम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र भदौरिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 20 नवम्बर को प्रकाशित राजपत्र में संशोधन करते हुए आयुर्वेद मे शल्य (जनरल सर्जरी) और शालाक्य (इएनटी) के पोस्ट ग्रेज्युएट डॉक्टर्स को 58 शस्त्रक्रियाये (सर्जरी) करने कीं कानुनी इजाजत प्रदान की गयी है। आईएमए ने देश भर मे इसका विरोध शुरू किया है। भारत सरकार द्वारा प्रकाशित इस राजपत्र मे शास्त्रक्रियाओ (सर्जरी) की व्याख्या स्पष्ट की गयी है और पुराने नोटिफिकेशन्स का स्पष्टीकरण किया गया है, इसमे नया कुछ नही है। आयुर्वेद के इन विषयों के पोस्ट ग्रॅज्युअट्स काफी पहले से ये शस्त्रक्रिया (सर्जरी) कानुनी तौर पर करते आये है। आईएमए इस राजपत्र का जानबुझकर विरोध जताकर शल्य और शालाक्य मे पोस्ट ग्रॅज्युएशन करने वाले शिक्षित और प्रशिक्षित डॉक्टर्स की पढाई और ज्ञान पर संदेह निर्माण करने का काम कर रही है और ये बहुत ही निंदनीय है।


देश का सबसे बडा संगठन निमा इस राजपत्र का स्वागत करता है और इस राजपत्र के लिये सीसीआयएम और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करता है। इस राजपत्र के प्रकाशन के पश्चात आईएमए द्वारा आयुर्वेद शास्त्र और आयुर्वेद के डॉक्टर्स को बदनाम करने का कार्य शुरू किया गया है लेकिन निमा सच सामने लाकर रहेगा।


आचार्य सुश्रुत को पुरी दुनिया सर्जरी का जनक मानती है। अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथो मे पुराने समय मे भी हजारो साल पहले मुश्किल सर्जरी सफलतापूर्वक किये जाने के प्रमाण है। आयएमए आयुष डॉक्टर्स को अनाडी दिखाने कीं कोशिश कर रहा है। लेकीन आयुर्वेद में एडमिशन नीट परीक्षा उत्तीर्ण होने के पश्चात ही मिलता है। एमबीबीएस की तरह साढे चार साल का बीएएमएस की पढाई होती है। इसके दौरान एनाटॉमी, फिजिओलॉजी, पीएसएम, सर्जरी, बालरोग, नेत्ररोग, स्त्रीरोग, मेडिसिन, इ एन टी, आदी सारे विषय विस्तार से सिखाये जाते है, मानव शरीर पर डिसेक्शन भी सिखाया जाता है। साढे चार साल पढाई करनेके बाद परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद एक साल का इंटर्नशिप पुरा करनेवाला डॉक्टर डिग्री प्राप्त करता है और प्रेक्टिस करने के पात्र होता है। आईएमए ये दिखाने कीं कोशिश कर रहा है कि सिर्फ बीएएमएस करने वाला डॉक्टर ही शस्त्र क्रिया करेगा, लेकीन ये झुठा दुष्प्रचार है। बीएएमएस की पढाई पुरी करने के बाद पीजी एटरन्स परीक्षा पास होने के बाद 3 साल का पोस्ट ग्रॅज्युएट कोर्स होता है, जिसमे सर्जरी का पुरा शिक्षण और ट्रेनिंग दिया जाता है और ये पोस्ट ग्रॅज्युएट कोर्स पुरा करने वाले डॉक्टर ही सर्जरी करते है। लेकिन आईएमए हमेशा इस बारे मे दूष्प्रचार करके आम जनता को भ्रमित करने कीं कोशिश करता आया है। निमा इसका पुरजोर विरोध करता है।


आईएमए ने इस गजट नोटिफिकेशन का विरोध करने के लिये देश मे आंदोलन करने कीं सूचना का प्रसार किया है, इस आंदोलन का पुरे देश मे निमा की तरफ से विरोध किया जाता है। आईएमए ने 11 दिसम्बर को विरोध जताने के लिये कुछ कार्यक्रम निश्चित किये है, उसके जवाब मे निमा ने पुरे देश मे कार्यक्रम दिया है।


निमा करेगा इन बिन्दुओं का पालन
11 दिसम्बर को आईएमए ने आरोग्य सेवाये रोकने का ऐलान किया है, उस दिन पुरे भारत के सभी आयुष क्लीनिक्स सुबह से रात तक पुरी तैय्यारी से शुरू रहेंगे। देश की आरोग्य व्यवस्था मे कोई कमी नही आने देंगे। यह राजपत्र प्रकाशित करने के लिये केंद्र शासन, आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय का आभार प्रकट करके सरकार को पुरा समर्थन प्रदान करेंगे। सरकार का शुक्रिया अदा करने वाला ज्ञापन हर जगह से सरकार तक पाहुचाएंगे। आईएमए के विरोध प्रदर्शन मे कोई भी आय एस एम डॉक्टर शामिल नही होगा। आईएमए द्वारा किये जा रहे दूष्प्रचार का जवाब देकर जनताके सामने सच्चाई रखी जायेगी। सरकार द्वारा निकाले हुये राजपत्र के समर्थन मे और सरकार की तरफ से देश मे इंटेग्रेशन को बढावा देने के लिये सरकार प्रति आदर भावना अदा करने और इसके लिये शुक्रिया अदा करने के लिये ’11 दिसम्बर को पुरे प्रदेश के आयुष डॉक्टर्स पिंक रिबन बांधकर दिनभर सेवाये देंगे।’ आयुष डॉक्टर्स की अधिकारों की रक्षाके लिये निमा प्रतिबद्ध है और हमेशा रहेगी। मध्यप्रदेश के प्रभारी डॉ अनिल श्रीवास्तव, महासचिव डॉ दिनेश पटेरिया, डॉ हिमांशू दत्त पांडेय, डॉ वैभव दीवान, डॉ राजेश मिश्रा डॉ आई एस सिसोदिया, डॉ अरुण कपूर ने भी प्रदेश की सभी आई एस एम चिकित्सकों से अपील की है कि वे 11 दिसम्बर को अपनी सेवाएं प्रदेश में देवे जिससे रोगियों को कोई कष्ट न हो। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी किये गये राजपत्र से जो संशोधन किये गये है उसके लिये भारत सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करने तथा आईएमए द्वारा फैलाये जा रहे दुष्प्रचार के विरोध स्वरूप ज्ञापन 10 दिसम्बर शुक्रवार को स्थानीय प्रशासन को दिया गया।

Ετικέτες

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget