नागदा - खाद्य विभाग के अधिकारियों ने प्रोप्रायटर की अनुपस्थिति में लिए खाद्य तेल के नमुने, वर्चुअल की बात प्रशासन व्यापारियों के साथ आरोपीयों की तरह कर रहा व्यवहार, पुलिस बल के साथ सेंपलींग कार्यवाही



Nagda(mpnews24)।  महामारी के इस मुश्किल दौर में प्रदेश सरकार अपना खजाना भरने के लिए लगातार व्यापारियों पर कार्रवाई को अंजाम दे रही है। उज्जैन में सर्वाधिक कार्रवाई वाला शहर अब नागदा बन गया है जहाॅं व्यापारियों को एक तरह से निशाने पर ले लिया है। लगातार हो रही कार्रवाईयों में अब राजनीतिक द्वेषता भी झलकती दिखाई दे रही है। आलम यह है कि उज्जैन से आए खाद्य विभाग के दल के पास पूर्व से ही एक सूची थी जिसमें कुछ चुनिन्दा लोगों के नाम दर्ज थे जिन पर कार्रवाई की जाना थी। मामले में क्षेत्र के व्यापारियों का कहना है कि महामारी में प्रशासन के सहयोग का अब उन्हें बहुत ही अच्छा ईनाम मिल रहा है। शहर में शुक्रवार को दो स्थानों पर जिले के खाद्य अधिकारियों द्वारा नमूने लिए गए है एक स्थान पर तो व्यापारिक प्रतिष्ठान के मालिक की अनुपस्थित होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने कर्मचारियों से ही पंचनामा आदि पर हस्ताक्षर करवाऐ लेकिन नमुने अवश्य लिए।


क्या है मामला
शुक्रवार को खाद्य विभाग के अधिकारियों ने शहर में दो स्थानों पर सेंपलिंग कार्रवाई को अंजाम दिया। सबसे पहले किराना व्यापारी संघ के संरक्षक मनोज राठी के प्रतिष्ठान पर अधिकारियों ने सेंपलिंग कार्रवाई को अंजाम दिया। अधिकारियों ने यहाॅं से ब्रान्डेड सरसों के तेल थानी के नमुने लिए। उक्त प्रतिष्ठान पर गौर करने वाली बात यह रही कि व्यवसायिक प्रतिष्ठान के प्रोप्रायटर या उनके परिवार का कोई भी सदस्य शुक्रवार को प्रतिष्ठान पर मौजुद नहीं था, व्यवसायी अपनी पौती का जन्मदिवस मनाने शहर से बाहर गए हुए थे। बावजुद इसके प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रतिष्ठान पर उपस्थित कर्मचारियों की उपस्थिति में ही सेंपलिंक कार्रवाई को अंजाम दिया। यहाॅं यह भी पहली बार देखा गया कि प्रतिष्ठान संचालक श्री राठी ने वर्चुअल रूप से अधिकारियों से बात की तथा कार्रवाई में सहयोग भी किया।
श्रीराम काॅलोनी में कार्रवाई के बाद प्रशासनिक अधिकारी जवाहर मार्ग होते हुए सीधे महात्मा गांधी मार्ग स्थित घनश्याम राठी, मुरली राठी के प्रतिष्ठान माहेश्वरी किराना पर पहुॅंच गए तथा यहाॅं पर भी उन्होंने मिर्ची एवं बेसन के नमुनों को लिया। यहाॅं पर भी कार्रवाई में सभी प्रतिष्ठान संचालकों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया। एमजी रोड पर कार्रवाई के बाद महिदपुर रोड होते हुए पाडल्याकलां तथा बाद में पाडल्यारोड पर किसी प्रतिष्ठान पर कार्रवाई करने की मंशा अधिकारियों की थी। लेकिन दुकान बंद होने के कारण अन्य स्थान पर कार्रवाई नहीं हो पाई।


व्यापारियों एवं ग्राहकों में दहशत फैला रहा प्रशासन
शहर में लगातार हो रही कार्रवाई के बाद व्यापारियों के साथ-साथ ग्राहकों में भी दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है। हमारे प्रतिनिधि से चर्चा में शहर के व्यापारियों ने कहा कि खाद्य विभाग के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी पुलिस टीम के साथ दुकान और फर्म पर पहुंचते हैं। इस दौरान ग्राहकों में डर उत्पन्न होता है। अधिकारी मिलावटखेरी की पुष्टि होने से पहले ही मिडिया के माध्यम से दुकान फर्म और व्यापारी का नाम भी प्रसारित करवा देते हैं। व्यापारियों का कहना है कि अधिकारी सेंपल लें पुलिस को साथ न लाएं और जब मिलावट की पुष्टि न हो उसका प्रचार न किया जाए। व्यापारियों ने यह भी कहा कि वह अधिकांश माल कंपनियों का बेचते हैं मिलावट की आशंका में यदि किसी कंपनी का माल जप्त किया जाता है और उसकी पुष्टि होती है तो पहले कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज होना चाहिये। बताया जाता है कि उज्जैन एवं उन्हेल के व्यापारियों ने लगातार हो रही कार्रवाई के चलते ज्ञापन आदि भी जनप्रतिनिधियों को दिए है।


बाॅक्स
व्यापारियों के खिलाफ हुई प्रदेश सरकार

प्रदेश में व्यापारियों का एक बडा धडा वर्तमान में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी का समर्थक रहा है। लेकिन वर्तमान में देखा जा रहा है कि सबसे अधिक कार्रवाई व्यापारियों या अन्य व्यवसाय करने वाले लोगों पर ही हो रही है। स्थानिय स्तर पर देखा जाऐ तो कमलनाथ सरकार शुद्ध के लिए युद्ध छेडा था लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा राजस्व के लिए युद्ध छेड दिया है। ऐसे में व्यापारियों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।

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