नागदा - तीन कृषि कानूनों की बदालत देश में महंगाई बढी, समर्थन मुल्य के प्रावधानो को मोदी सरकार ने समाप्त किया - गुर्जर



Nagda(mpnews24)।   मोदी सरकार द्वारा लाये गये 3 कृषि बीलों के प्रावधानों के कारण ही आज देश की जनता बेतहाशा मंहगाई का सामना कर रही है कृषि बील में किसानों को उनकी उपज के एवज में मिलने वाले समर्थन मुल्य के प्रावधानों को समाप्त कर दिया है वहीं खाद्यान्न एवं अनाज की स्टाॅक लिमिट नये कृषि बील में समाप्त कर उद्योगपति एवं पुंजीपतियों को अकूत मात्रा में भण्डारण की छुट प्रदान कर दी गई नतीजा हम सभी कमर तोड मंहगाई से त्रस्त हो गये।

यह बात विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने कांग्रेस कमेटी द्वारा किसानों द्वारा 3 काले कानूनों को वापस लेने की मांग को दिल्ली में चल रहे आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस कमेटी द्वारा ग्राम खजुरिया से रजला तक पद यात्रा के दौरान ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहीं।

दो माह से संघर्षरत अन्नदाता की सुनने को तैयार नहीं पूंजीपतियों की मोदी सरकार
श्री गुर्जर ने कहा कि भारत के करोडों अन्नदाता अपने खेतों, उनके जीवन और आजीविका तथा उनके वर्तमान, भविष्य को बचाने के लिए विगत दो माह से संघर्ष कर रहे है लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार मुठ्ठी भर पूंजीपति मित्रों को किसानों के खून, पसीने और आंसुओं को बेचने के लिए आतुर है केन्द्र की भाजपा सरकार ने देश की राजधानी और देशभर की सीमाओं पर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए किसानों को मजबूर कर दिया है। किसानों के लिए तीनों काले कानून वापिस लेने के लिए अन्नदाता किसानों की लडाई कांग्रेस पार्टी ने संसद से लेकर सडक तक हमेशा लडी है और आगे भी जारी रखेगी।

भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता उजागर
श्री गुर्जर ने आगे कहा कि तीनों कृषि बील केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को स्पष्ट उजागर करता है काॅन्ट्रेक्ट फार्मिग को बढावा देकर न्युनमत समर्थन मुल्य के प्रावधानों को समाप्त कर व मण्डियें को पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के हाथों सौपकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार ने देशभर के किसानों की पीठ पर छुरा घोपने का काम किया है। प्राकृतिक आपदाओं व कर्ज के बोझ से त्रस्त देश के किसानों पर यह बील कहर बनकर उनके स्वर्णिम भविष्य को नष्ट करेगा तथा भविष्य में किसान अपने खेतों में ही पूंजीपतियों का मजदुर बनकर ही कार्य करेगा।

इस असवर पर जिल कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने कहा कि तीनों काले कानून को वापिस लेन के लिए संघर्षरत अन्नदाता किसानों के आंदोलन में अब तक लगभग 155 किसानों ने अपनी जान गवा दी है और केन्द्र की भाजपा सरकार ने इन काले तीनों कानूनों को वापिस न लेने की ठान ली है तथा अन्नदाताओं को उचित जन आंदोलन को गलत तरीके से फैलाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है तथा शांतिपूर्ण तरीके से किसानों के आदोलन को दुष्प्रचार करके समाप्त करने की योजना बनाकर हिंसा फैलाने का अनुचित कार्य किय जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान पुलवामा में शहिद हुए वीर जवानों को मोमबत्ती जलाकर व 2 मिनिट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी।

इन्होंने भी किया संबोधित
पद यात्रा में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमल पटेल, युकां कांग्रेस जिला अध्यक्ष भरत जोशी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द भरावा, रघुनाथसिंह बब्बु आदि ने भी सम्बोधित किया।

यह हुए पदयात्रा में शामिल
पद यात्रा में पूर्व युकां शहर अध्यक्ष दिपक गुर्जर, जगदीश शर्मा, युकां शहर अध्यक्ष विशाल गुर्जर, गोपाल पटेल, नागुसिंह गुर्जर, बद्रीलााल बामनिया, धुलजी शर्मा, मोतीसिंह गुर्जर, रवि रजला, विरम गुर्जर, भीमराज मालवीय, रतनसिंह गुर्जर, रमेशचन्द्र चन्देल, मांगुसिंह गुर्जर, दरबारसिंह कलसी, पप्पुसिंह पंवार, राजेश गुर्जर, उमराव गुर्जर, कान्हा परिहार, विनोद धाकड, प्रमोदसिंह चैहान, जगदीश मिमरोट, कमलेश चावण्ड, जितेन्द्र चैहान, बल्लु गुर्जर, नरेन्द्र गुर्जर, देवसिंह गुर्जर, मोनू सिसौदिया, राजेश राठौर, नरेन्द्र रघुवंशी, मनोज पाण्डे, कमलेश शंखवार, साईराम सेन, नरेन्द्र शर्मा, शब्दर टांक, लोकुमल खत्री, कौशल्या ठाकुर, मेघा धवन, लोकेश चैहान, शैलेन्द्रसिंह चैहान, रवि गुर्जर, कुंवरजी गुर्जर, सुरेश चन्देल, किशोर सेठिया, फखरू खान, कैलाश बच्चन, लोकेन्द्र डोडिया, संजय राठौर, नरसिंह गुर्जर, संजय मेहरा, मुन्ना सरकार, मोहम्मद रंगरेज, सुरेन्द्र साहनी, अनिल सोनी, अनिश खान, साबीर पटेल, रोमेश दुर्गापुरा, आदि उपस्थित थे।
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