मच्छरों से मुहाले हुए नागरिक
महामारी के साथ ही मलेरिया, डेंगू बिमारी के कारक माने जाने वाले मच्छरों की शहर में इन दिनों भरमार देखी जा रही है। नपा के जिम्मेदारों द्वारा महामारी का बहाना बनाकर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाऐ जा रहे है। जबकि पूर्व में नपा द्वारा पुरे शहर में सेनेटाईजर के साथ ही किटनाशक एवं डीटीटी, फिनाईल का छिडकाव किया था। उक्त किटनाशकों के छिडकाव से शहर वासियों को मच्छरों से निजात मिल सकेगी जो कि बिमारियों के वाहक बने हुए है।
करोडों की राशि जनता के कब काम आऐगी ?
नपा में बैठे कर्णधारों द्वारा प्रवेश द्वार, एक ही सडक को कई-कई बार निर्माण करने के साथ ही अन्य मामलों में भ्रष्ट्राचार के रिकार्ड बना दिए है। लेकिन वर्तमान में जब जनता को वास्तविकता में नगर पालिका की सेवाओं की आवश्यकता है तब नपा अपनी कर्तव्यों से विमुख होती दिखाई दे रही है। वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों की ढिलाई भी इसमें एक बडा कारण दिखाई दे रही है। शहरवासियों को ततकालीन समय में नागदा में पदस्थ रहे अधिकारियों की भी अब याद आने लगी है जिनकी मेहनत एवं प्रयासों का ही फल था कि कभी नागदा 10 संक्रमितों की संख्या से सीधे 0 पर आ गया था। वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों को भी इस प्रकार की मेहनत एवं लगन की आवश्यकता है।
निःशुल्क प्रदान करता है सेनेटाईजर केमिकल उद्योग
गौरतलब है कि गतवर्ष कोरोना संक्रमण काल में ग्रेसिम केमिकल डिविजन उद्योग द्वारा शहर में सेनेटाईज करने के लिए निःशुल्क रूप से केमिकल उपलब्ध करवाया था। नपा को मात्र ट्रेक्टर एवं सेनेटाईजर टेंक आदि की व्यवस्था करना है वह भी गत वर्ष के सभी सामान रखे हुए है। कोई नया क्रय नहीं करने है, लगता है नवीन क्रय नहीं किया जाना ही छिडकाव नहीं किए जाने का बडा कारण है क्योंकि सेनेटाईजिंग से अधिकारियों को कुछ मिलने वाला जो नहीं है ? परन्तु निजी स्वार्थ को पीछे रखकर अधिकारियों को शहरहित में सेनेटाईजर का छिडकाव प्रारंभ करना चाहिए।
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