मारू ने बताया कि विगत दिनों नागदा की आईसीआईसीआई बैंक में किसानो के पोस्ट डेटेड चेक के द्वारा की गयी धोखाधड़ी की घटना के बाद इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने सुझाव प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया था।
मारू ने इस हेतु सुझाव दिया था कि जब भी कोई किसी से पीडीसी चेक लेता है तो यह चेक लेने वाले की जिम्मेदारी होगी कि वह सम्बंधित बैंक को इस बारे में तुरंत सूचना दे जिससे बैंक उस चेक को देने वाले के खाते में पीडीसी चेक के रूप में दर्ज कर रेकोर्ड में रख सके। प्रतिभूति के रूप में रखे चेक के सामने भुगतान देने के बाद चेक खातेदार को मिलने पर वह भी इसकी सूचना बैंक को प्रदान कर रिकोर्ड करवाएगा। इस प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चेक बाउंस के केस भी दर्ज नहीं होना चाहिए। इससे प्रत्येक पीडीसी चेक की जानकारी बैंक को रहेगी और इनका दुरूपयोग नहीं होगा। इसके साथ ही जो लोग नगद राशि अधिक ब्याज पर देकर प्रतिभूति के रूप में रखते है उनकी भी जानकारी सरकार तक पहुचेगी और इस प्रकार काले धन पर भी रोक लगाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधान मंत्री कार्यालय ने मारू को प्रेषित ईमेल से यह जानकारी दी कि उनका सुझाव परीक्षण उपरान्त कार्यवाही हेतु रिजर्व बैंक को भेजा है।
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