प्रशासन के दावे कितने सही ?
कोरोना संक्रमण की दर घटने का दावा हो रहा है, घर-घर सर्वे टीम भेजकर लोगों की जानकारी लेकर मेडिकल किट बांटी जा रही है तो ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया रहा है लेकिन यह सब दावे गांव रजला एवं अन्य गांवों में ग्राउण्ड पर पहुंचकर खोखले साबित हो रहे हैं। गांव रजला में बीते 20 दिन में 13 लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें से कई संदिग्ध पाॅजिटिव मरीज थे। अकेले ब्राह्मण समाज में ही 6 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं वर्तमान में भी कई लोग बीमारी की चपेट में हैं। वस्तुस्थिति जानी जाऐ तो दिखाई देता है कि बीमारी की जकड़ में आया गांव भयभीत भी है और अब सुरक्षा को लेकर चैकन्ना भी है। जानकारी के अनुसार गांव की आबादी 1600 की है। लगभग 70 प्रतिशत संक्रमण फैल चुका था, जो अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। एक साल में 3 से 5 मौत होती थी लेकिन बीते 20 दिन में ही 13 मौत हो गई। इतनी मौत पहली बार देखी। अभी भी कई मरीज होम आइसोलेशन में है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतनी मौत एकसाथ हो रही है। टीकाकरण भी नाममात्र का हुआ है। 1600 की आबादी में मात्र 40 टीके लगे हैं।
इन स्थानों का किया दौरा
मंगलवार को पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने ग्राम बैरछा, रोहलखुर्द, बनबना सहित अन्य गांवों का दौरा किया। इन गांवों के ग्रामीणों को मास्क लगाने, सोशल सिस्टेंसिनग का पालन करने और अनावश्यक घर से बाहर न निकलने की नागदा पुलिस द्वारा समझाइश दी। इस दौरान कई पुलिस अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों ने कमान संभाल रखी है। सीएसपी मनोज रत्नाकर, मण्डी थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा, तहसीलदार अरूण खरे आदि ने पुरे शहर में पेट्रोलींग कर अनावश्यक घुमने वालों को समझाईश दी। इसी प्रकार जन्मेजय मार्ग स्थित फल एवं सब्जी विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की गई।
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