तत्पश्चात् गुरूदेव ने चातुर्मास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए चातुर्मास के महत्व को बताया एवं साथ ही द्वितीय दिन गुरूपूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरू की महिमा का बखान किया गया एवं तत्पश्चात् दोपहर में गुरूपद महापुजन का आयोजन हुआ जिसका लाभ कांतिलाल सोभागमल मानमल राजेश गेलड़ा परिवार द्वारा लिया गया। मोहनखेड़ा से पधारे विधिकारक ललीतभाई द्वारा पुज्य की निश्रा में 21 जोड़ो द्वारा महापुजन का विधान करवाया एवं प्रत्येक जोड़ो को गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसुरिश्वरजी की गुरूमूर्ति प्रदान की गई। रात्री में भव्य आरती एवं भक्ति का का आयोजन श्री राजेन्द्र सूरि जैन दादावाड़ी महिदपुर रोड़ पर किया गया।
नागदा - कलश स्थापना के साथ हुआ चातुर्मास का आरंभ एवं गुरूपुर्णिमा पर गुरूपद महापुजन का आयोजन
तत्पश्चात् गुरूदेव ने चातुर्मास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए चातुर्मास के महत्व को बताया एवं साथ ही द्वितीय दिन गुरूपूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरू की महिमा का बखान किया गया एवं तत्पश्चात् दोपहर में गुरूपद महापुजन का आयोजन हुआ जिसका लाभ कांतिलाल सोभागमल मानमल राजेश गेलड़ा परिवार द्वारा लिया गया। मोहनखेड़ा से पधारे विधिकारक ललीतभाई द्वारा पुज्य की निश्रा में 21 जोड़ो द्वारा महापुजन का विधान करवाया एवं प्रत्येक जोड़ो को गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसुरिश्वरजी की गुरूमूर्ति प्रदान की गई। रात्री में भव्य आरती एवं भक्ति का का आयोजन श्री राजेन्द्र सूरि जैन दादावाड़ी महिदपुर रोड़ पर किया गया।
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