तीसरी लहर का अगस्त से प्रारंभ होने का अंदेशा
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर जल्द आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में दोबारा कोरोना संक्रमण के केस सामने आने लगे हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीका ही एकमात्र उपाय बताया जा रहा है, लेकिन जब वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं होगी तो कोरोना से जंग कैसे जीती जाएगी। शहर में बीते 12 दिन और ग्रामीण क्षेत्र में 7-8 दिन से कोई वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, जबकि आमजन अब वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो नागदा अनुभाग के 4 गांव ऐसे हैं, जहां 18$ के एक भी व्यक्ति को टीका नहीं लगा है, हालांकि 45$ में यहां एक बार टीकाकरण जरूर हुआ, जिसमें भी नाम मात्र के लोगों की टीका लगा है। यानी इन गांवों मंे 5 प्रतिशत टीकाकरण भी नहीं हो पाया है, ऐसे में प्रदेश सरकार के आमजन की सुरक्षा के सारे दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
नागदा में 8 जुलाई के बाद नहीं लगे टीके
शहर में 8 जुलाई को अंतिम वैक्सीनेशन शिविर लगाया था, जो द्वितीय डोज का था। इसके बाद शिविर नहीं लगाया । ग्रामीण क्षेत्र में अंतिम शिविर 13 जुलाई को 9 गांवों में लगाया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं हो पाई। सोमवार को उज्जैन में 43 केंद्रों पर वैक्सीनेशन हुआ, जिसकी ऑनलाइन बुकिंग हुई। नागदा शहर के लोगों ने भी बुकिंग का प्रयास किया तो पता चला यह उज्जैन के लिए ही थी। लोगांे का कहना था कि उज्जैन के अलावा प्रशासन को अन्य शहर और गांवों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहिए।
नागरिक जागरूक हुए तो वैक्सीन नहीं मिल रही
पहले ग्रामीणांे में जागरूकता का अभाव था। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में 45$ में वैक्सीनेशन पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब ग्रामीण जागरूक हो चुके हैं। उनमें से भय का माहौल भी खत्म हो गया है, लेकिन अब वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। जिससे ग्रामीण भी शहर पहुंचकर वैक्सीनेशन तक करा रहे है। यहीं वजह है कि 18$ में आक्यानजीक में 5, बरखेड़ा नजीक में 7, रतन्याखेड़ी में 4, कुंडला में 6, अंतरालिया में 2, नागझिरी में 4, धूमाहेड़ा में 6 टीके युवाओं ने शहर जाकर लगाए है।
इनका कहना है
जिले प्रशासन द्वारा वैक्सीन उपलब्ध करवाऐ जाने पर ही टीकाकरण किया जा सकता है। विगत कुछ समय से वैक्सीन प्राप्त नहीं होने के कारण टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। वैक्सीन प्राप्त होते ही पुनः टीकाकरण प्रारंभ किया जावेगा।
डॉ. कमल सोलंकी, बीएमओ, स्वास्थ्य विभाग
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