वर्तमान उद्योगों में क्षेत्र की जनता को नहीं मिल रहा अवसर
नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा एवं संयोजक शेलेन्द्र चौहान एडवोकेट ने जारी प्रेस विज्ञप्ति मे बताया कि उद्योग लगाये जाने की मांग औचित्यहीन है। पहले से चल रहे उद्योगों में न तो रोजगार मिला और उपर से जानलेवा प्रदूषण से जनता का जीना दूभर हो गया है। उद्योगो की मांग करने वाले नेता प्रदूषण के मामले मे चुप्पी साधे हुए है। जबकि एसिड के मामले का उद्योग लगाने की मांग करने से पहले विरोध करना था। उद्योगों मे भी रोजगार के नाम पर योग्यता को उपेक्षित कर पठठो को लाकर बेरोजगार कार्यालय के नामो को दर किनार किया जा रहा है। शहर के मध्य की बहूमूल्य जमीन उद्योग समूह को पुनः आवंटन कराने के लिये युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के झूठे वादे कर षड़यंत्र किया जा रहा है। पूरी जमीन पर पहले उद्योग नही था लेकिन अब कीमती पूरी जमीन पर उद्योग लगाने कि मांग कि जा रही है।
वर्षो से 2000 करोड के प्लांट की बात कह कर बरगला रहा प्रबंधन
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि कई वर्षो से हजारों करोड के प्लांट का राग अलाप कर उद्योग प्रबंधन क्षेत्र की जनता को बरगलाता आया है। पूर्व में भी बीसीआई की जमीन हथियाने के लिए 2000 करोड का प्लांट नागदा में लाने का भ्रम फैलाया गया था। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं और बेशकीमती करोडों की जमीन ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन द्वारा मात्र 39 करोड में ही खरीद ली।
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जिला बनने से अधिक फायदा होगा
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में रसायनिक प्लांट लगाने की बजाय जिला कार्यालयों की स्थापना होने से क्षेत्र का ज्यादा एवं तेजगति से विकास होगा। उन्होंने कहा कि कलेक्टर कार्यालय जिसमें सैकडों अधिकारी, कर्मचारी पदस्थ होंगे, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत, जिला शिक्षा कार्यालय, कृषि विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित ऐसे दर्जनों विभाग है जिनके कार्यालय नागदा में प्रारंभ होंगे जिसमें हजारों की संख्या में कर्मचारियों की पदस्थिति होगी जिससे क्षेत्र का व्यापार बढेगा। उन्होंने कहा कि नागदा की जनता को जिला बनने से ज्यादा फायदा है और यहॉं षड़यंत्र पूर्वक उद्योग लग गये तो फिर जिला कार्यालय बनाने मे काफी परेशानी होगी। जनप्रतिनिधि और नेता जनता के हित कम और उघोग के हित की बात ज्यादा कर रहे है। जनता शासन से उक्त जमीन पर जिला कार्यालय बनाने के लिये आरक्षित करने कि मांग करेगी।
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