नागदा जं.- समुचित जांच किए बगैर ही प्रारंभ हो गए विद्यालय, किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं किया निरीक्षण

 

MP NEWS 24- कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते विगत डेढ वर्ष से सभी विद्यालय बंद थे तथा वहॉं किसी भी प्रकार का शैक्षणिक कार्य नहीं चल रहा था। विद्यालयों में कोरोना के प्रभाव में कमी आने के बाद शिक्षकों एवं स्टाफ को जरूर विद्यालय आने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कोरोना पर संपूर्ण नियंत्रण के बाद शासन द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अभिभावकों की लिखित अनुमती उपरांत प्रारंभ करने के निर्देश दिए है। लेकिन विद्यालय प्रबंधक द्वारा विद्यालयों को बच्चों के लिए पुनः आरंभ करने से पूर्व समुचित व्यवस्थाऐं की हैं या नहीं इसकी जांच किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने नहीं की है। ऐसे में कई विद्यालयों ने शासन की गाईड लाईन का पालन हो रहा है या नहीं इसकी भी कोई जानकारी न तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास है और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों के पास। ऐसे में बच्चों को विद्यालय प्रबंधन के भरोसे ही अभिभावकों को भेजना पड रहा है। वह भी तब जबकि देश के कई राज्यों में कोरोना की तिसरी लहर के संकेत मिलने लगे है। कर्नाटक, पंजाब एवं अन्य राज्यों में विद्यालय प्रारंभ होने के बाद ही कई मामले बच्चों से जुडे सामने आऐ है। ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही कहीं एक बार पुनः क्षेत्र में संक्रमण को बढा न दे।

क्या है मामला
इस पुरे मामले में हमारे प्रतिनिधि द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती रमा नाहटे से जानकारी चाही तो उनके द्वारा शासन के दिशा निर्देशों की जानकारी देते हुए बताया कि सामान्य निवारक उपायों में ऐसे सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय शामिल हैं जिनका कोविड-19 के जोखिम को कम करने के लिए पालन किया जाना है। इन उपायों का पालन सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थीयों द्वारा विद्यालय में और सभी स्थानों पर हर समय किया जाना चाहिए। जिसमें जहॉं तक संभव हो कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन किया जाना चाहिए, फेस कवर/मास्क का उपयोग अनिवार्यः किया जाए, हथ गंदे दिखाई न भी दें तब भी साबुन से बार-बार हाथों को कम से कम 40-60 सेकंड के लिए धोना, यदि संभव हो तो इस हेतु अल्कोहल आधारित हैंड सेनिटाईजर का उपयोग कम से कम 20 सेकंड के लिए किया जाना चाहिए। श्वसन शिष्टाचार का सख्ती से पालन किया जाए इसमें खांसने, छीकते समय टिश्यू, रूमाल, कोहनी से नाक और मुॅंह को कवर करना और उपयोग के बाद टिश्यू का सही ढंग से निस्तारण शामिल है। सभी के द्वारा अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और किसी भी बीमारी के होने पर जल्द से जल्द रिर्पोट करना, थूकना सख्त वर्जित होगा, जहॉं भी संभव हो आरोग्य सेतु ऐप को इन्स्टॉल करने और उपयोग करने की सलह दी जा सकती है।
विद्यालय हुए प्रारंभ, नहीं पहुॅंचा कोई अधिकारी
कोरोना महामारी के बाद शासन द्वारा कक्षा 9वीं एवं 12वीं के विद्यार्थीयों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ अभिभावकों की लिखित अनुमती के साथ विद्यालय प्रारंभ कर दिए है। लेकिन विद्यालय प्रारंभ होने के कई दिन बीत जाने के बाद भी न तो स्थानिय प्रशासनिक अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया। ऐसे में निजी एवं शासकीय विद्यालयों में कोविड गाईड लाईन का पालन हो रहा है या नहीं इसको सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है। प्रशासन की इस लापरवाही के चलते कभी भी संक्रमण का दायरा बढ सकता है, क्योंकि जिन प्रदेशों में भी विद्यालय प्रारंभ हुए है वहॉं संक्रमण एकाएक बढा है। ऐसे में प्रशासन को इस और ध्यान देना अत्यंत ही आवश्यक है। इस पुरे मामले में हमारे प्रतिनिधि द्वारा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, समन्वयक दोनों से जानकारी प्राप्त करना चाही लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इनका कहना है
शासन की गाईड लाईन एवं निर्देशों के तहत ही विद्यालय प्रारंभ किए गए है। सभी विद्यालयों को गाईड लाईन भेज दी गई है जिसका पालन उन्हें करना चाहिए।
श्रीमती रमा नाहडे, जिला शिक्षा अधिकारी, उज्जैन

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