नागदा जं.-मध्यप्रदेश शहरी परिवहन नीति में दिव्यांगो की सुगमता हेतु मारू ने दिए सुझाव

MP NEWS24- लायंस ऑफ़ नागदा की स्थाई परियोजना एवं दिव्यांगजनों के सम्पूर्ण पुनर्वास हेतु कार्यरत देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था के राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित संस्था स्नेह के संस्थापक पंकज मारू ने मध्यप्रदेश की शहरी परिवहन नीति में दिव्यांगो की परिवहन सुगमता हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए है।

स्नेह के सचिव विनयराज शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की शहरी परिवहन नीति अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के माध्यम से तैयार की जा रही है। इस नीति में दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठजनों हेतु सुगम्य परिवहन के लिए सुझाव देने हेतु सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला की अध्यक्षता में भोपाल में बुधवार को एक बैठक आयोजित की गयी थी जिसमे प्रदेश के विशेषज्ञों के साथ मारू को भी आमंत्रित कर सुझाव चाहे गए थे। मारू ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में दिए गए प्रावधानों का उल्लेख करते हुए दृष्टि बाधित दिव्यान्गों हेतु फूटपाथ पर टेक्टाइल के साथ उसे पुर्णतः बाधा मुक्त रखने, चौराहों पर ऑडियो वाले सिग्नल लगाने, पब्लिक बसों में मेट्रो ट्रेन के समान अगले स्टॉप की जानकारी देने वाले ऑडियो के साथ डिस्प्ले बोर्ड लगाने जिससे मूक बधिर एवं दृष्टि बाधित दोनों के लिए सुगमता हो, बसों को कम उंचाई वाले फर्श के साथ रेम्प सहित बनाने एवं उसमे व्हील चेयर सहित बैठने की व्यवस्था, दिव्यांगो के लिए सीट आरक्षित करने, टिकिट खिड़की की ऊंचाई कम रखने, बस स्टॉप को पुर्णतः बाधा मुक्त रखने, सार्वजनिक भवनों के आगम द्वार के पास ही दिव्यांगजनों हेतु आरक्षित पार्किंग रखने, उन्हें रियायती दरो पर यात्रा टिकिट उपलब्द्ध कराने, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान करने एवं उन्हें वाहन पंजीयन के टैक्स में छुट देने संबंद्धित अनेक सुझाव दिए गए। इसके अतिरिक्त मारू ने यह सुझाव भी दिया कि शहरों की सड़कों पर गरीब लोग जो ठेला गाडी या नीचे बैठ कर व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करते है उनसे तो प्रतिदिन के मान से शुल्क लिया जाता है किन्तु चार पहिया वाहन मालिको जो वाहन प्रतिदिन सार्वजनिक रोड पर ही पार्क करते है, उनसे किसी प्रकार का शुल्क न लेने से रोड का अधिकतर भाग उनके द्वारा कवर कर लिए जाने से भी ट्रैफिक में अनेक समस्या होकर दुर्घटना का का भय भी बना रहता है। अतः चार पहिया वाहन मालिको से प्रति घंटे की दर से पार्किंग शुल्क लगा कर इस प्रवत्ति को कम कर सडको को इससे मुक्त किया जा सकता है।
मारू के सुझावों की प्रमुख सचिव ने प्रशंसा करते हुए प्रस्तावित शहरी परिवहन नीति मे शामिल करवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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