MP NEWS24- जैन धर्मावलम्बियो में कहते है कि जिनका इस जन्म में पूर्वजन्म का पुण्योदय में आता है वही तपस्या कर सकते है। ऐसा ही कुछ कु. तनिषा सकलेचा ने कर दिखाया। वर्ष 2018 में अपनी दादी स्व. श्रीमती मोहनबाई सकलेचा की स्मृति में 9 उपवास की तपस्या करके श्रद्धांजली अर्पित कर तपस्या करने की सीढ़ी पर चढ़ने का एक छोटा सा प्रयास किया था। जो आज आगे बढ़ते हुए सिद्धीतप तपस्या के पारणे के साथ पूर्ण हुआ।इसी कड़ी में कु. तनिषा द्वारा कम उम्र में वर्ष 2019-20 में वर्षीतप यानि 13 माह में 401 दिन की उग्र तपस्या कर परिवार, समाज का नाम रौशन किया। साथ ही इस वर्ष पार्श्वप्रधान पाठशाला में विराजित मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. आदि ठाणा 2 एवं महावीर भवन में विराजित साध्वी श्री पुण्यशिलाजी म.सा. एवं साध्वी श्री अनुपमशिलाजी म.सा. आदि ठाणा 7 की प्रेरणा से सिद्धीतप तपस्या 46 दिन की पुर्ण की।
करना था मासक्षमण, हुआ सिद्धीतप-
कुमारी तनिषा सकलेचा को इस चातुर्मास में मासक्षमण करने के भाव थे। इसे योग या संयोग ही कहा जाए कि सामुहिक आयंबिल तप की आराधना में मुनिराज श्री चंद्रयशविजयजी म.सा. की प्रेरणा मिली तो सिद्धीतप तपस्या की ओर मन अग्रसर हो गया और आज 46 दिन का कठिन तप पूर्ण हुआ जिसका पारणा सुनीलकुमार राजेशकुमार सकलेचा के निवास स्थान पर सामूहिक रूप से परिवार द्वारा कराया गया।
करी अनुमोदना- सिद्धीतप तपस्या की परिवार सहित कई सामाजिक संस्थाएं श्री वर्द्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ, स्थानकवासी चातुर्मास समिति देवेन्द्र कांठेड़, प्रेमचन्द बोहरा, आदर्श श्राविका ग्रुप, ब्राह्मी बहुमण्डल, जय जिनेन्द्र गु्रप, चंदनबाला महिला मण्डल, साधुमार्गी संघ, जैन सोश्यल ग्रुप, रत्नराज गु्रप, नवकार बहुमण्डल, आदिनाथ ग्रुप आदि संस्थाओं द्वारा कु. तनिषा सकलेचा का सिद्धीतप तपस्या के उपलक्ष्य में बहुमान कर अनुमोदना की गई।
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