MP NEWS24- पूज्य महासति पुण्यशिलाजी ने कहा कि संसार में सुबह से लगाकर शाम तक हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे हम जो भी अनुभव हासील करते है वह दुसरो के लिये बहुमूल्य बन जाता है। घायल की गति घायल जाने, जो कभी हुआ नहीं उसको क्या पता इसलिये मानव को अनुभव का फायदा उठाना चाहिये। महासति पूज्य चर्तुगुणाजी ने कहा कि हिंसा, हिंसा होती है अनजाने में होती है तो इसके लिये कुछ भी नहीं किया जा सकता।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तेले की लड़ी में 1 उपवास सुनील पितलिया, 13 उपवास पुष्पा बहन तरवेचा एवं 16 उपवास निलेश भटेवरा के चल रहे है। अतिथि सत्कार श्रीमती चन्दाबाई रमेशचन्द्र सुरेश सुनील वौरा मुलथानवालो ने लाभ लिया। प्रवचन में संतोष चपलोत, दिलीप कांठैड, बसन्तीलाल कोलन, रमेश तांतेड, सुरेन्द्र पितलिया, चंदनमल संघवी, विजय पितलीया, सागरमल भण्डारी, अनिल पावेचा, प्रेमचन्द बोहरा, वर्धमानजी धोका, विजय कोलन, अमरचन्द जैन, राजेश चोपडा आदि उपस्थित थे।
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