MP NEWS24- पर्युषण महापर्व पर महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी म.सा. ने कहा कि सांसारीक धर्म का नालेज रखने वाला ज्ञानीजन पाप कर्माे से युक्त कार्याे में अपने रिश्तो को तोड देते है लेकिन अज्ञानी पुरूष जिसको नॉलेज नही हे वह हमेशा रिश्ते जोड़ता रहता है। अतः हमको प्रत्येक कार्य समझदारी से करना चाहिये। महासति श्री अनुपमशिलाजी म.सा. ने अनंतगढ़ सुत्र का वाचन करते हुए कहा कि जहां प्रेम होता है वहां आनन्द की अनुभूति होती है। संसार अस्तव्यस्त है लेकिन लगता बड़ा मस्त है। जहाँ अभाव होता है मानव दुःखी होता है। संसार कभी बनता नहीं कभी बिगड़ता नहीं अनवरत चलता रहता है।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि 30 उपवास श्रीमती शान्ताबहन सुनील वौरा, 8 उपवास प्रियांशी भामावत, 8 उपवास खुशबु छोरीया, 7 उपवास कल्पेश चपलोत, 5 उपवास जयमाला पितलीया, 4 उपवास उमेशजी दलाल, 4 उपवास गिरीशजी भटेवरा, 4 उपवास श्रीमती सीमा नीलेशजी लुणावत सांवेरवाला, 3 उपवास हितेशजी कांठेड, 3 उपवास श्रीमती संगीता सुनिल सकलेचा के चल रहे है। जाप की प्रभावना हुकुमचन्द मनोजकुमार चपलोत ने वितरीत की। प्रवचन की प्रभावना का लाभ पारसमल चौरडिया ई रजिस्ट्री वाले ने एवं सुशील धार वाले ने लाभ लिया। संचालन राजेन्द्र कांठेड ने किया एवं आभार चातुर्मास समिति अध्यक्ष सुनीलजी वौरा ने माना। अधिकतम धर्मलाभ की अपील श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने की।
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