नागदा जं.-जीनवाणी सुनने से शान्ति का अनुभव होता है- महासति पुण्यशिलाजी

MP NEWS24- महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि जब हम स्थानक भवन में भगवान की वाणी सुनने जाते है इसको श्रवण के पश्चात् हमको सुख शान्ति एवं आनंद की प्राप्ती होती है। यह वाणी डुबते हुए को तिराती है बुरो को अच्छा बनाती है अन्तर आत्मा को ज्ञान का प्रकाश प्रदान करती है एवं कर्माे की निर्जरा होती है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि जब क्रोध रूपी चाण्डाल से दिमाग गर्म होता है तो चेहरा लाल हो जाता है। क्षणिक सा क्रोध सम्पूर्ण जीवन को बरबाद कर देता है एवं शारीरिक एवं कई बिमारियों को जन्म देता है।

मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तेले की लड़ी से 3 उपवास की तपस्या श्रीमती सोनम सचिन कांठेड़ ने पूर्ण की। लम्बी अवधि की तपस्या ममें 26 उपवास की तपस्या श्रीमती शान्ताबहन सुनीलजी वौरा एवं 32 उपवास श्रीमती निर्मला चण्डालिया के चल रहे है।
इतिश्री बुडावनवाला के जन्मदिन पर श्रीमती नीलमदेवी प्रकाशचन्द्र बुडावनवाला परिवार द्वारा जाप का आयोजन किया गया। श्रीमती शान्ताबहन के मासखमण के उपलक्ष्य में वौरा परिवार की बहन बेटियो द्वारा चौबीसी का भी आयेजन किया गया।
आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना। धर्मसभा में पूर्व पार्षद आशीष वोरा, सुनिल सकलेचा, चन्द्रशेखर खींदावत, निर्मल दलाल, सन्तोष चपलोत, देवेन्द्र कांठेड, रमेश तांतेड, बसन्तीलाल कोलन, वर्धमान नवादावाला, प्रकाश बुडावनवाला, हुकुमचन्द चपलोत, अनिल पावेचा, नरेश औरा, अजीत मारू, लहरसिंह शाह, अजय मुरड़िया, दिलीप औरा, निर्मल चपलोत आदि उपस्थित थे।

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