MP NEWS24- कोरोनाकाल में लंबे समय तक न्यायालयों में सुनवाई बंद रहने से लंबित हुए वादों को अब लोक अदालत के माध्यम से निपटाया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न मामलों का निराकरण विद्वान न्यायाधीशों द्वारा किया गया। लोक अदालत में नगर पालिका, विभिन्न बैंक, विद्युत विभाग, भारत संचार निगम व न्यायालय संबंधी विभिन्न वादों का निराकरण किया गया।राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को जिन प्रकरणों को निराकरत किया गया उनमें प्रमुख रूप से बैंक वसुली के 837 प्रकरणों में से 9 को निराकृत करते हुए 7,56,285 की राशि की वसुली की गई। इसी प्रकार विद्युत विभाग से जुडे 495 प्रकरणों में से 98 को निराकृत करते हुए 5,53522 की राशि वसुली गई, जल के 25 मामलों से 12 को निराकृत करते हुए 62,451 की राशि वसुली वहीं भारत संचार निगम के 2 प्रकरणों से दोनों को ही निराकृत करते हुए 6500 की राशि वसुली की गई। नपा संपत्ति कर के 48 प्रकरणों में से 18 को निराकृत करते हुए 2,66,666 रूपये की राशि वसुली। इस प्रकार लोक अदालत में प्रस्तुत 1407 प्रकरणों में से 139 को निराकृत करते हुए 16,45, 424 रूपये की वसुली करते हुए 169 नागरिकों को लाभ पहुॅंचाया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अश्विन परमार के न्यायालय में 138 चैक बाउन्स के 2, 125 के 1, डीवी एक्ट का 1, सिविल बाण्ड के 1 सहित कुल 5 प्रकरणों को निराकृत किया गया तथा 10,39,700 रूपये की राशि के मामलों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड नागदा नदीम जावेद के न्यायालय में क्रिमिनल कम्पाउण्ड केसेस 10 में से 5, चैक बाउन्स के 51 में से 5 निराकृत करते हुए 7,93,600 की राशि के संबंध में निर्णय किया गया। अदर सिविल कैसेस 10 में से 2। इस प्रकार 71 में से 12 प्रकरणों को निराकृत किया गया।
इन वादों का हुआ निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत फौजदारी, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना प्रतिकरण संबंधित, भूमि संबंधी, राजस्व, वैवाहिक और कुटुंब न्यायालयों के मामले, बैंक और ऋण वसूली, दीवानी राजस्व व श्रम संबंधी, विद्युत व जलकर बिल के मामले, वेतन भत्तों और सेवानिवृत्ति से संबंधित वादों का निराकरण किया गया।
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