MP NEWS24- खाचरोद क्षैत्र के 10 शासकीय विद्यालयो में एक भी शिक्षक नही होने से गरीब अभिभावकों ने जिस उददैश से अपने नो निहालो को प्रवेश दिलाया था पढाने वाले एक भी शिक्षक की स्कुल में पदस्थापना नही होने से तथा स्कुलों में एक एक शिक्षक होने से नन्हे नन्हे बाल बालिकाओ का जीवन अंधकार में है।
श्री गुर्जर ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि गलत स्थांनान्तरण नीति के चलते क्षैत्र के कई विद्यालय वर्षाे से शिक्षक विहिन व एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहे है कई अतिथि शिक्षको के भरोसे तो कई उपायोजन कर विद्यालय संचालित हो रहे है। निंरतर 10 विद्याालय शिक्षक विहिन होने के कारण इन विद्यालयो में शैक्षणिक स्तर में काफी गिरावट आ रही है।श्री गुर्जर ने बताया कि पहले से ही दो सत्र कोरोना काल के चलते छात्र-छात्रओं को शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाईयो का सामना करना पडा है। लेकिन सरकार कि अनुदर्शिता के कारण क्षैत्र के दर्जनो शासकीय विद्यालयो में शैक्षणिक कार्य ठप्प पडा है। जिला शिक्षा अधिकारी को सबकुछ मालूम होते हुए भी आजतक इन शिक्षकविहीन शालाओं में तथा एक शिक्षिकीय शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पाए।
श्री गुर्जर ने यह भी बताया कि गत दिनो किए गए स्थानातंरण से क्षैत्र की शैक्षणिक व्यवस्था ओर चौपट हो गई है जिन शालाओ में शिक्षक की आवश्यकता थी उन शालाओं से प्रशासकीय स्थानातंरण कर दिए गए। लेकिन उन स्थानों पर पद पूर्ति नहीं करने से उन विद्यालयों की स्थिति भी बिगड गई है।
श्री गुर्जर ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी को बार-बार अवगत कराए जाने के बाद भी अतिथि शिक्षक तक की व्यवस्था नहीं कर पाए है ऐसी स्थिति में क्षैत्र के कई शासकीय विद्यालयों में सत्र प्रारंभ से आज तक घंटी ही नहीं बजी है पालकों ने शासकीय विद्यालयों में अपने बच्चों का प्रवेश तो करा दिया गया लेकिन छात्रों एवं पालकों दोनो को ही निराशा होना पड रहा है।
श्री गुर्जर ने यह भी बताया कि 14 नवम्बर को राष्ट्रीय उपलब्धी सर्वे की परीक्षा होना है जब शिक्षक ही नहीं है तो परीक्षा कैसे संभव है यह विचारणीय है।
श्री गुर्जर ने शिक्षा मंत्री व जिला अधिकारी से छात्र-छात्राओं के हित में अनुरोध किया है कि शिक्षा संस्कारों की जननी है शिक्षा सबसे बडा शक्तिशाली हथियार है जिसके माध्यम से आप सारी दुनिया बदल सकते है यदि विद्यालय में शिक्षक ही नहीं होगें तो राष्ट्र का विकास कैसे होगाा? शीघ्र ही क्षैत्र के शासकीय विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की पदस्थापना करे तो छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था सूचारू रूप से चल सकेगी। निप्र। खाचरोद क्षैत्र के 10 शासकीय विद्यालयो में एक भी शिक्षक नही होने से गरीब अभिभावकों ने जिस उददैश से अपने नो निहालो को प्रवेश दिलाया था पढाने वाले एक भी शिक्षक की स्कुल में पदस्थापना नही होने से तथा स्कुलों में एक एक शिक्षक होने से नन्हे नन्हे बाल बालिकाओ का जीवन अंधकार में है।
श्री गुर्जर ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि गलत स्थांनान्तरण नीति के चलते क्षैत्र के कई विद्यालय वर्षाे से शिक्षक विहिन व एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहे है कई अतिथि शिक्षको के भरोसे तो कई उपायोजन कर विद्यालय संचालित हो रहे है। निंरतर 10 विद्याालय शिक्षक विहिन होने के कारण इन विद्यालयो में शैक्षणिक स्तर में काफी गिरावट आ रही है।श्री गुर्जर ने बताया कि पहले से ही दो सत्र कोरोना काल के चलते छात्र-छात्रओं को शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाईयो का सामना करना पडा है। लेकिन सरकार कि अनुदर्शिता के कारण क्षैत्र के दर्जनो शासकीय विद्यालयो में शैक्षणिक कार्य ठप्प पडा है। जिला शिक्षा अधिकारी को सबकुछ मालूम होते हुए भी आजतक इन शिक्षकविहीन शालाओं में तथा एक शिक्षिकीय शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पाए।
श्री गुर्जर ने यह भी बताया कि गत दिनो किए गए स्थानातंरण से क्षैत्र की शैक्षणिक व्यवस्था ओर चौपट हो गई है जिन शालाओ में शिक्षक की आवश्यकता थी उन शालाओं से प्रशासकीय स्थानातंरण कर दिए गए। लेकिन उन स्थानों पर पद पूर्ति नहीं करने से उन विद्यालयों की स्थिति भी बिगड गई है।
श्री गुर्जर ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी को बार-बार अवगत कराए जाने के बाद भी अतिथि शिक्षक तक की व्यवस्था नहीं कर पाए है ऐसी स्थिति में क्षैत्र के कई शासकीय विद्यालयों में सत्र प्रारंभ से आज तक घंटी ही नहीं बजी है पालकों ने शासकीय विद्यालयों में अपने बच्चों का प्रवेश तो करा दिया गया लेकिन छात्रों एवं पालकों दोनो को ही निराशा होना पड रहा है।
श्री गुर्जर ने यह भी बताया कि 14 नवम्बर को राष्ट्रीय उपलब्धी सर्वे की परीक्षा होना है जब शिक्षक ही नहीं है तो परीक्षा कैसे संभव है यह विचारणीय है।
श्री गुर्जर ने शिक्षा मंत्री व जिला अधिकारी से छात्र-छात्राओं के हित में अनुरोध किया है कि शिक्षा संस्कारों की जननी है शिक्षा सबसे बडा शक्तिशाली हथियार है जिसके माध्यम से आप सारी दुनिया बदल सकते है यदि विद्यालय में शिक्षक ही नहीं होगें तो राष्ट्र का विकास कैसे होगाा? शीघ्र ही क्षैत्र के शासकीय विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की पदस्थापना करे तो छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था सूचारू रूप से चल सकेगी।
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