MP NEWS24-तीन वर्षो पूर्व अपने परिवार से अलग हुए एक बौद्धिक दिव्यांग शहर के जाने-माने समाजसेवी एवं बौद्धिक दिव्यांगों के हितार्थ एवं कल्याणार्थ कार्यरत संस्था स्नेह के संस्थापक पंकज मारू के प्रयासों से एक बार फिर अपने परिवार से मिल सकेगा। बौद्धिक रूप से दिव्यांग विजय जो कि पूर्व में नागदा में ही रहते थे को एक बार फिर अपना परिवार मिल गया है, वर्तमान में विजय देहरादुन में थे तथा वहॉं की पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकी देखभाल की जा रही थी।अस्वस्थ्यता के बावजुद किए प्रयास
विजय अपने परिवार से किस प्रकार से मिल पाया इस पुरे घटनाक्रम को हमारे प्रतिनिधि के साथ साझा करते हुए समाजसेवी श्री मारू ने बताया कि उन्हें बौद्धिक दिव्यांग बच्चो की सेवा करने के लिए ईश्वर का आशीर्वाद मिला है। मारू ने कहा कि शनिवार की रात को वह अपनी वोकल कार्ड की एंडोस्कोपी करा कर नागदा लौट रहे थे। वोकलकार्ड में सूजन के कारण डॉक्टर ने उन्हें दवाइयों के साथ एक सप्ताह हेतु वॉयस रेस्ट की सलाह दी थी। मारू ने बताया कि रास्ते में बहुत से फोन आ रहे थे पर उन्होंने डॉक्टर की सलाह मान फोन पर बात न करते हुए समस्या से अवगत करा कर क्षमा मांग ली थी। परन्तु उसी दौरान नागदा पुलिस स्टेशन के आरक्षक यशपालजी का फोन आया तो उन्होंने फोन उठा लिया। थाने के आरक्षक यशपाल ने मारू को बताया कि एक बौद्धिक दिव्यांग बच्चा कही मिला है उसका फोटो भेज रहा हूं और आप थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा से बात कर ले। मारू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर की सलाह को नजर अंदाज कर बिना फोटो का इंतजार किए तुरंत नागदा टीआई श्री शर्मा को फोन किया। टीआई शर्मा ने मारू को बताया कि उनके पास देहरादून थाने के सब इंस्पेक्टर कृपालसिंह का फोन आया था कि एक बच्चा उनके पास है और वह विस्तृत जानकारी के लिए उनसे बात कर लें, मारू ने तुरंत देहरादुन थाने के अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि एक बच्चा उनके पास वर्ष 2018 से है और अपना नाम विजय बताता है और बताता है कि पापा ड्राइवर है और उनको बहुत याद करता है। उन्होंने मारू को उसका एक वीडियो भी भेजा। देहरादुन पुलिस के अधिकारी ने मारू से बच्चे के माता-पिता को ढूढने में मदद का आग्रह किया उन्होंने यह भी बताया कि तीन वर्षो से इस बच्चे के परिवार को खोजने का प्रयास कर रहे है।
स्नेह में ही अध्ययनरत रहा है विजय
मारू ने बताया कि विजय का फोटो देखते ही वह अचंभित हो गए, क्योंकि विजय पांच वर्ष पूर्व स्नेह में आता था और फिर उसका परिवार इंदौर चला गया था। मारू ने स्नेह के पदाधिकारी चंदनसिंह को फोन लगाकर उसके पुराने घर जाने को कहा और पड़ोसियों से जानकारी एकत्रित करने की बात कही। स्नेह पदाधिकारी द्वारा तत्काल विजय के पुराने घर के पास ही स्थित उसके बड़े पापा के घर पहुॅचे तथा फोटो-विडियो दिखाया। उन्होंने विजय को पहचान लिया और उसके पापा का नंबर और पता दिया। मारू ने जानकारी मिलते ही इंदौर स्थित विजय के पापा को फोन कर सारी जानकारी दी और बच्चे का फोटो भेजा। उन्होंने अपने बच्चे को पहचान लिया। श्री मारू ने कांफ्रेंस कॉल कर देहरादुन थाने के अधिकारी कृपालसिंह और विजय के पिता की आपस में बात करवाई। कृपाल सिंह ने उसके पिता से उनका फोटो मांगा ताकि वो बच्चे को दिखा कर बता सके कि उसके पापा को खोज लिया गया है।
एक-दो दिन में अपने घर लौट आऐगा विजय
रविवार की सुबह श्री मारू ने देहरादुन थाने के अधिकारी कृपालसिंह और बच्चे के पापा और भाई से बात की। विजय ने अपने पापा की फोटो देखते ही काफी खुशी जाहिर की तथा उसकी खुशी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। इंदौर स्थित विजय का परिवार अब उसको लेने जा रहा है और उम्मीद है कि दो दिनों में विजय फिर अपने घर इंदौर लौट आवेगा। श्री मारू ने देहरादुन एवं नागदा पुलिस के अधिकारियों के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने एक बच्चे को अपने परिवार से मिलाने का बहुत ही नेक काम किया है।
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