नागदा जं-नरक चतुर्दशी पर पितरो के मोक्ष व जनकल्याण हेतु सहस्त्र औदीच्य युवा कराएंगे पवित्र दिपयादी श्राद्ध

MP NEWS24- सहस्त्र औदीच्य ब्राह्मण युवाओं द्वारा सर्वपितृ अमावस्या पर जनकल्याण हेतु सामूहिक पित्र तर्पण कर्म का सफल आयोजन कराया गया था, जिसकी क्षेत्र के नागरिकों द्वारा प्रशंसा की व सनातन संस्कार व धर्मार्थ लाभ हेतु इस तरह के आयोजन करते रहने का आग्रह भी किया।  जनकल्याण हेतु सनातन कर्म की श्रृंखला में सहस्त्र औदीच्य युवाओ द्वारा आमजन द्वारा उनके पितरो के मोक्ष की कामना को लेकर विद्वत कर्मकांड पंडित द्वारा अद्भुत दीपयादी श्राद्ध कर्म सम्पन्न कराया जाएगा। कर्मकांड पंडित दीपक पण्ड्या ने बताया जिसके करने से हमारे ऐसे पूर्वज जो मृत्यु लोक के बाद नरक भोग रहे हो, वे पवित्र प्रकाश के माध्यम से मोक्ष गति को प्राप्त करते है व परिवार जनों को आशीर्वाद प्रदान करते है। नरक चतुर्दशी के दुर्लभ योग में कुटुम्बियों द्वारा इस कर्म के करने से जाने अनजाने में हुए दोषों से मुक्ति मिलती है व परिवार जन के रुके हुए मांगलिक कार्य सम्पन्न होते है।  

क्या है दीपयादी श्राद्ध
सनातन धर्म के श्राद्ध की पद्धतियों में विभिन्न प्रकार के श्राद्ध है जिससे पितर आत्माओ को सन्तुष्टि ओर सुख की प्राप्ति होती है भगवान श्री कृष्ण के कथन अनुसार प्रत्येक आत्मा अपने कर्म को भोगती है और कर्माे के आधार से उनका सनातन मोक्ष होता है मोक्ष का उपाय, धर्म का ज्ञान अन्य प्राणियों की अपेक्षा मानव योनि को प्राप्त है। क्योंकि मित्र यह एक विवेकी योनि है जो स्वयं का नही अपितु अपने करने से सारे जग का उद्धार करती है इसलिए विधाता ब्रह्मा के द्वारा रचे मानव योनि के इतिहास को जानना ओर मानव योनि में जन्म लेना बड़ा दुर्लभ है ,जीव अपने कर्मों से आगे बढ़ता है ,देवता समय के आधार पर अवतार लेते है ,ओर उन सबकी सेवा का परम दायित्व मनुष्य योनि का है, इसलिए हे राजन मनुष्य संसार की सर्वश्रेठ योनि है जिसमे अपने स्वयम के कर्माे द्वारा, सुख और दुःख का ऋण चुकाना होता है। पौराणिक ग्रंथ में दोष युक्त जातक की मुक्ति को मार्ग मिलने के लिए भगवान कृष्ण का कथन है कि, हे..पार्थ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यम के नरक का द्वार यमदूतो द्वारा खोला जाता है, जिसमे चित्र गुप्त यम के आदेश अनुसार ऐसे आत्मिय को वैकुंठ पहुचने के लिए कहते है। इसलिए प्रत्येक पुत्र ,जैसे नारायण बलि,सपिण्डिनी करण,मंगल, संवत्सर (बरसी) श्राद्ध करते है उन्हें अपने पित्तरों को नरक से निकलने के लिए यह दीपयादी श्राद्ध करना चाहिए। आयोजन में सम्मिलित होने के लिए श्रद्धालु संपर्क करें पंडित दीपक पण्ड्या, पंडित अजय पण्ड्या, युवा अध्यक्ष नीलेश मेहता से पर संपर्क कर सकते है।

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