MP NEWS24-बीते कुछ माह से शहर में मादक पदार्थो की बिकवाली एवं युवाओं में इसके बढते चलन ने शहर की शांत फिजा में अपराधों के ग्राफ को काफी बढा दिया है। हाल ही में पकडाऐ वाहन चोर गिरोह के सदस्य भी कहीं न कहीं नशाखोरी के आदि रहे है, तथा इसी के चलते उनके द्वारा चोरी की वारदाताओं को अंजाम भी दिया जाता रहा है। इतना ही नहीं शहर में तीन स्थानों पर नगदी एवं आभुषण चोरी की बडी वारदातें भी हो चुकी है। बावजुद इसके नशे के कारोबार के खिलाफ न तो सत्तापक्ष कोई आवाज उठा रहा है और ना ही विपक्ष। विपक्ष के नेताओं ने तो कुछ दिन पूर्व सीएसपी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी इसी मुद्दे पर किया था, लेकिन ढाक के वही तीन पात न तो कोई पुलिस कार्रवाई दिखाई दी और ना ही कोई राजनीतिक आंदोलन इस दिशा में हुए। ऐसे में नशे की गिरफ्त में लगातार युवा आ रहे हैं तथा नशा प्राप्त करने हेतु अब वह अपराधों को भी अंजाम देने लगे हैं।लम्बे समय से नशे की गिरफ्त में शहर के युवा
बीते लम्बे समय से शहर के युवा नशे की गिरफ्त में दिखाई दे रहे हैं। विगत दिनों कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कई युवाओं को इस कारोबार के चलते गिरफ्त में भी लिया है, जिनसे स्मैक, ब्राउनशुगर जैसे मादक पदार्थ भी बरामद किए जा चुके हैं। गिरफ्तार युवाओं से पुछताछ में पुलिस को कई सुराग लगे थे जिसमें जावरा एवं अन्य शहरों से मादक पदार्थो की आपूर्ति होने जैसी बातें भी सामने आई थी। इतना ही नहीं इंदौर के मादक पदार्थो के तस्कर भी नागदा आकर माल खरीदने जैसी बातें भी सामने आ चुकी है। बिरलाग्राम पुलिस द्वारा विगत दिनों एक युवक से 10 ग्राम मादक पदार्थ बरामद किया था, हालांकि युवक को पुलिस हिरासत में रखने के बाद भी वह मादक पदार्थ कहॉं से लाया था इसका कोई सुराग पुलिस आज तक नहीं लगा पाई है। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
गांजे की बिकवाली का केन्द्र बन चुका है शहर
शहर में गांजे की बिकवाली भी धडल्ले से होती है। निचली बस्तियों के युवा, पुरूष गांजे के सेवन के आदि हो चुके हैं। पूर्व में गांजे की पुडिया गली-मोहल्लों में उपलब्ध हो जाती थी। लेकिन बीते दिनों पुलिस द्वारा की गई सख्ती के बाद से मादक पदार्थो की बिकवाली में थोडी कमी आई है, बावजुद इसके आज भी गांजा एवं अन्य मादक पदार्थ का सेवन करने वाले इन तक पहुॅंच ही जाते हैं।
डायरी पर चल रही कई अवैध शराब की दुकानें
शहर में लायसेंसी ठेकेदार द्वारा डायरी पर कई अवैध दुकानों को शहर में संचालित किया जा रहा है। लायसेंसी ठेकेदार के लोग स्वयं ही अवैध दुकानों पर शराब उपलब्ध करवाऐं हैं जिससे शहर में कई स्थानों पर धडल्ले से अवैध शराब का कारोबार भी चल रहा है। इन सब बातों से स्थानिय प्रशासन भी अनभिज्ञ नहीं हैं लेकिन लाभ-शुभ के फेरे में अवैध दुकानें चलायमान हैं तथा शराब का विक्रय भी धडल्ले से हो रहा है। इन अवैध शराब की दुकानों से लायसेंसी शराब तो कम विक्रय होती है अलबत्ता ब्लैक एवं अन्य प्रदेशों से लाई गई शराब का अत्यधिक विक्रय होता हैं, क्योंकि उक्त शराब विक्रेताओं को कम राशि में उपलब्ध होती है।
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