MP NEWS24- स्थानकवासी जैन समाज के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि जैन दिवाकर श्री चौथमलजी की 144वीं जन्मजयन्ति एवं ज्योतिषाचार्य पूज्य गुरूदेव कस्तुरचन्दजी की 116वीं दीक्षा जयन्ति के शुभ अवसर पर 17 नवम्बर को जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में 3 सामायिक एवं एकासना के साथ मनाई गई जिसमें कई गुरूभक्तों ने भाग लिया। इसका लाभ चातुर्मास समिति एवं जैन दिवाकर संगठन समिति द्वारा लिया गया।इस शुभ अवसर पर गुणानुवाद सभा को सम्बोधित करते हुए महासति पुण्यशिलाजी ने कहा कि महान आत्माएँ अपना हित एवं अहित त्याग कर मानव मात्र के लिये अपना सम्पूर्ण जीवन को दुसरों के कल्याण में लग जाते है एवं सम्पूर्ण समाज को एक नई दिशा प्रदान करते है।
महासति आस्थाजी ने कहा कि पुण्यशाली एवं भाग्यशाली आत्माएँ हमेशा अधर्म से दूर रहती है। तेले की लड़ी श्रद्धा संघवी की चल रही है। अतिथि सत्कार का लाभ श्री गंभीरमलजी अनिलकुमारजी पावेचा ने लिया। धार्मिक प्रभावना नवीन जी रमेशजी तरवेचा द्वारा वितरीत की गई। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र सांवेरवाला एवं चातुर्मास अध्यक्ष सुनीलकुमार वौरा ने माना। इस अवसर पर वर्धमान नवादावाला, संजय मुरडिया, सतीश जैन सांवेरवाला, अरविंद नाहर आदि उपस्थित थे।
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