MP NEWS24- जिले के मुखिया एवं कलेक्टर आशीषसिंह अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण के मुद्दे पर काफी गंभीर नजर आते हैं। जिला कलेक्टर द्वारा उज्जैन शहर में करोडों की शासकीय भूमि पर से भू-माफियाओं को हकाल दिया तथा शासकीय रिकार्ड में अब तक 500 करोड से अधिक की भूमि पुनः दर्ज करवा दी है। लेकिन स्थानिय स्तर पर देखा जाऐ तो राजस्व विभाग का अमला नागदा एवं अनुभाग के आसपास के क्षेत्र में ऐसी कोई बडी कार्रवाई को आज तक अंजाम नहीं दे पाया है। जिसके चलते शहर में भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चले हैं कि उनके द्वारा जवाहर मार्ग जैसे व्यवसायिक स्थल पर भी करोडों की बेशकीमती भूमि पर आज भी कब्जा कर रखा है। ऐसे में उज्जैन जैसी कार्रवाई की नागदा शहर में भी दरकार है।क्या है मामला
अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मुद्दे पर कलेक्टर आशीष सिंह गंभीर हैं। उन्होंने टीएल बैठक में सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अतिक्रमण करने वालों से सख्ती से निपटें। जब शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की सूचना मिलती है तो तुरंत अतिक्रमण हटाकर संबंधित के खिलाफ केस दर्ज कराएं। राजस्व अभिलेखों के शुद्धीकरण के अभियान में गति लाने, पात्र व्यक्तियों को धारण अधिकार पट्टे जारी करने, शासकीय भूमि के आवंटन के प्राप्त सभी आवेदनों पर तुरंत कार्रवाई करने की बात भी हमेशा कहते हैं। कलेक्टर सिंह के निर्देशन में उज्जैन शहर में 500 करोड से भी अधिक की शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त करवाया है। इसी के चलते प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने भी उन्हें बधाई देते हुए तारीफ की थी।
नहीं दिखाई देता है स्थानिय स्तर पर कोई असर
कलेक्टर श्री सिंह उज्जैन शहर की शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराने में लगे हैं, कुछ इसी प्रकार के निर्देश उनके द्वारा जिले के अन्य अनुभाग के अधिकारियों को भी दिए जाते हैं। लेकिन इसे विडम्बना ही कहा जाऐगा कि स्थानिय स्तर पर ऐसी कोई कार्रवाई बीते कई महिनों से क्षेत्र में दिखाई नहीं दी है। आलम यह है कि जवाहर मार्ग जैसे मुख्य मार्ग पर भी सत्ताधारी दल के नेताओं के प्रशय के चलते एक पत्थर व्यवसायी द्वारा करोडों की शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं समीप ही लगी एक अन्य भूमि पर भी एक विधि के जानकार व्यक्ति ने अपना अतिक्रमण किया हुआ है। इतना ही नहीं वर्ष 2020 के जनवरी माह में राजस्व विभाग द्वारा किए गए सीमांकन में भी जवाहर मार्ग की भूमि शासकीय होना पाया गया है। बावजुद इसके न तो सीमांकन पश्चात कब्जे की कोई कार्रवाई की गई और ना ही शासन द्वारा करोडों की भूमि पुनः प्राप्त किए जाने हेतु कोई कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में भू-माफियाओं के हौसले काफी बुलंद हो चले हैं।
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