MP NEWS24- सत्र न्यायाधीश नागदा द्वारा दो प्रकरण में अभियुक्तों को 10 वर्ष एवं 7 वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामला इस प्रकार है कि ग्राम निपानिया में जगदीश गिरी मकान का निर्माण कर रहा था और पंचायत की सडक की तरफ मकान का गेट निर्मित कर रहा था पंचायत की रोड पर ही अमरश्री गिरी का मकान स्थित है अमरश्री व उसके परिवार के लोग जगदीश गिरी को सडक की तरफ गेट बनाने से मना कर रहे थे इसको लेकर दोनों पक्षों के मध्य पूर्व में हाथापाई हो गई थी और जिसकी रिर्पोट पूर्व में दोनों पक्षों के विरूद्ध पुलिस थाना नागदा में की गई थी। दोनों पक्षों द्वारा विवाद निपटाने 26 जुलाई 2008 को ग्राम निपानिया में दोपहर 12 बजे समाज की पंचायत बुलाई थी और समाज के महंत कैलाश गिरी के द्वारा दोनों पक्षों का विवाद का समाधान करने के लिये कहा गया था पंचायत 2 बजे तक चल रही थी इसी दौरान दोनों पक्षों के मध्य विवाद शुरू हुआ।पंचायत की बैठक से अभियुक्त अमरसिंह उठकर चला गया और कुछ देर बाद अमरसिंह पाईप लेकर अभियुक्त नागू लाठी लेकर अभियुक्त जितेन्द्र तलवार लेकर आये और अभियुक्तगण ने दुसरे पक्ष पर प्राणघातक चोट पहुॅंचाई व दूसरे पक्ष के गणेश गिरी को तलवार से गणेश के हाथ पर और लट्ठ से जितेन्द्र व दिलीप को चोट पहुॅंचाई इस घटना की रिर्पोट फरियादी जगदीश गिरी ने लिखवाई जो अपराध क्रमांक 411/2008 पर धारा 147, 148, 149, 326, 325, 324, 294 भादवि लेखबद्ध की गई इसी प्रकार दुसरे पक्ष की और से अभियुक्त जगदीश गिरी ने नागुगिरी को तलवार से मारकर सीर व हाथ पर चोटे कारित की व अन्य आरोपीगण द्वारा नागू के घर में घुसकर मारपीट की उक्त पहल की रिर्पोट अपराध क्र. 410/2008 धारा 307, 149, 148, 323, 294 भादवि पर दर्ज हुआ। प्रकरण के विचारण के दौरान एक पक्ष से अमर गिरी एवं दुसरे पक्ष से जगदीश गिरी की मृत्यु हो गई।
अभियोज की और से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक केशव रघुवंशी एडवहोकेट ने बताया कि प्रकरण में विचारण के दौरान माननीय अपर सत्र न्यायाधीश (अभिषेक सक्सेना) नागदा द्वारा प्रकरण क्र. 610/2008 सत्र में आरोपी गणेश गिरी, जसवंत गिरी, उमराव गिरी, लेखराज, प्यारेलाल को धारा 307 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 हजार रूपये अर्थदण्ड व धारा 325/149 में 2 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रूपये अर्थदण्ड धारा 324/149 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 2 हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 148 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। इसी प्रकार द्वितीय पक्ष को प्रकरण क्रमांक 146/2009 में आरोपी नागू गिरीद्व बलवंत गिरी, जितेन्द्र गिरी, सुरेश गिरी, दिलीप चौहान, किशन गिरी को धारा 326/149 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। अभियोजन की और से पैरवी अपर लोक अभियोजक केशव रघुवंषी द्वारा की गई।
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