नागदा जं-14 वर्ष पूर्व स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा भी शहर में लगाई जावे

MP NEWS24- नगर पालिका द्वारा भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापना के वर्ष 2007 से स्वीकृत प्रस्ताव के बावजूद भी प्रतिमा की स्थाना नहीं किये जाने पर नागरिक अधिकार मंच ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।

मंच के अध्यक्ष अभय चोपडा एवं संयोजक शैलेन्द्र चौहान ने बताया कि यह खुशी की बात है कि शहर में बाबा साहेब अंबेडकर, वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप एवं राजा जन्मेजय जैसे महापुरूषो की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, जिसका कि नागरिक अधिकार मंच स्वागत करता है। लेकिन एकात्मक मानवतावाद के सिद्धान्त को विश्व में देने वाले और अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक सबसे पहले लाभ पहुंचाने के सिद्धांत देने वाले भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित उपाध्याय की प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव वर्ष 2007 में नगर पालिका नागदा में बहुत से पारित किया गया था। जिसको कि नागदा के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर स्थापित किया जाना प्रस्तावित था। वर्ष 2007 की बैठक में कुल 31 प्रस्ताव पर बहस हुई थी जिसमें यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से तत्कालिक अध्यक्ष गोपाल यादव के कार्यकाल में पास हुआ था। भाजपा के अलावा कांग्रेस द्वारा भी इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी। 1 अगस्त 2013 तक उपाध्यायजी की प्रतिमा स्थापित नहीं हुई तो नगर पालिका में यह मामला शिकायत के रूप में पहुंचा था। भारतीय जनता पार्टी के नेता सज्जनसिंह शेखावत ने 1 अगस्त 2013 को शाम 7 बजे एक प्रेस नोट जारी किया गया था जिसमें बताया कि महापुरूषो की प्रतिमा लगाने में नगर पालिका ने कार्यवाही तेज कर दी है किन्हीं कारणो से प्रस्ताव पर अमल नहीं हुआ है। पहले प्रस्ताव स्वीकृति के अधिकार राज्य शासन के संस्कृति विभाग के पास थे, लेकिन अब उक्त अधिकार जिला कलेक्टर को है। इसलिये शहर में प्रतिमा स्थापित करने हेतु स्थान का चयन का प्रस्ताव जिला कलेक्टर को दि. 29 जुलाई 2013 को भेज दिया गया है। शेखावत के मुताबित मुख्यमंत्री ने नागदा आगमन पर चौराहे के सौन्दर्यीकरण के लिए 50 लाख रूपये की घोषणा भी की गई थी। जिला कलेक्टर से स्वीकृति मिलते ही बस स्टेण्ड पर महाराणा प्रताप, नगर पालिका परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर, दीनदयाल चौक पर पं. दीनदयाल उपाध्याय व अन्य स्थानों पर वीर शिवाजी, महारानी लक्ष्मीबाई एवं सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा लगाई जावेगी।
चोपडा एवं चौहान ने बताया कि वर्ष 2007 से लगातार भाजपा का शासन रहा है एवं विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी प्रतिमा लगाने का समर्थन करती रही है। दीनदयालजी की प्रतिमा प्रस्ताव के अनुरूप चौराहे पर लग जाती तो जनता को काफी प्रेरणा मिलती। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपने ही मार्गदर्शक की प्रतिमा नहीं लगवाना चिंता की बात है। नागरिक अधिकार मंच ने शीघ्रताशीघ पं. दीनदयाल की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है।

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